Cancer Patients in Jammu: कोरोना संक्रमण में कैंसर मरीजों के लिए संजीवनी बनी त्रिमूर्ति

जीएमसी कठुआ में कैंसर विभाग देख रहे डा. दीपक अबरोल का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ ने कोरोना के समय उस समय कमान संभाली थी जब हर कोई ऐसे मरीजों का इलाज करने से मना कर रहा था। लेकिन इन्होंने किसी की परवाह नहीं की।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 09:58 AM (IST)
Cancer Patients in Jammu: कोरोना संक्रमण में कैंसर मरीजों के लिए संजीवनी बनी त्रिमूर्ति
मरीजों को कोई भी परेशानी नहीं आने दी गई।

जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू-कश्मीर में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन कई ऐसे कर्मचारी हैं जो कि कोरोना में भी अन्य बीमारियों के मरीजों का इलाज जी-जान से कर रही हैं। इनमें कठुआ मेडिकल कालेज में कैंसर के मरीजों की कीमोथेरेपी में जुटा नर्सिंग स्टाफ भी शामिल है। यह स्टाफ लगातार एक साल से कालेज में केंसर मरीजों की सेवा करने में जुटा हुआ है।

जीएमसी कठुअा के कैंसर विभाग में नियुक्त नर्सिंग स्टाफ नेहा, साेनल और रीनाक्षी उस समय कैंसर के मरीजों की सेवा के लिए आगे आईं थी जब इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इनकी सबसे अधिक जरूरत थी। बहुत से मरीज ऐसे थे जिनकी कीमोथेरेपी सिर्फ इसीलिए नहीं हो पा रही थी कि कोरोना के कारण कोई उन्हें देखने के लिए भी तैयार नहीं था। कोरोना संक्रमण के शुरू से ही कैंसर के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही थी। कई मरीज संक्रमित भी हो गए थे। कुछ की जान भी चली गई थी। इसके बाद तो इन मरीजों को अौर परेशानी हुई। कैंसर के इलाज के लिए बने अस्पतालों तक में कीमोथेरेपी नहीं हो पा रही थी।

यह वे समय था जब कैंसर के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी आ रही थी। मगर उस समय नेहा, साेनल और रीनाक्षी ने अपनी डयूटी को पूरी इमानदारी से निभाया। उन्होंने कैंसर के मरीजों का इलाज जारी रखा। कालेज में आने वाले सभी मरीजों की समय पर कीमोथेरेपी की। उनका कहना है कि शुरू में थोड़ा सा भय जरूर था लेकिन सभी एहतियात बरतते हुए मरीजों का इलाज किया गया। मरीजों को कोई भी परेशानी नहीं आने दी गई। उस समय एक ही मकसद था कि किसी भी मरीज का इलाज अधुरा न रह जाए।

यही कारण है कि इस जीएमसी में आने वाले सभी कैंसर के मरीज भी ठीक रहे। किसी को कोई अधिक परेशानी नहीं आई। अब फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और पिछले साल जैसे हालात ही बन रहे हैं लेकिन इस बार पहले का अनुभव है और प्रयास रहेगा कि किसी को भी कोई परेशानी न हो। अभी से ही कोरोना से संबधित सभी एहतियात बरती जा रही हैं।

इन नर्सिंग स्टाफ के सदस्यों को परिजनों का भी पूरा सहयोग मिला। उनका कहना है कि परिवार में किसी ने भी किसी ने भी उनका विरोध नहीं किया और सभी ने मरीजों की मदद करने के लिए कहा। उन्हें यह लग रहा था कि वे भी देश के लिए कुछ कर रही हैं। घर आकर कोरोना से संबंधित पूरी एहतियात बरती जाती थी। अभी भी गैसी ही प्रक्रिया चल रही है।

वहीं जीएमसी कठुआ में कैंसर विभाग देख रहे डा. दीपक अबरोल का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ ने कोरोना के समय उस समय कमान संभाली थी जब हर कोई ऐसे मरीजों का इलाज करने से मना कर रहा था। लेकिन इन्होंने किसी की परवाह नहीं की और सभी मरीजों की जिन्हें कीमोथेरेपी की जरूरत थी, उनका इलाज किया। उनकी सेवाओं के कारण ही आज सभी मरीज बेहतर हैं।

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