किसानों ने कहा-बीमा होता है तो मिले नुकसान का फायदा

संवाद सहयोगी रामगढ़ सीमांत ब्लाक रामगढ़ के पंचायत हल्का केसो-मन्हासां में फसली बीमा कंप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:22 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:22 AM (IST)
किसानों ने कहा-बीमा होता है तो मिले नुकसान का फायदा
किसानों ने कहा-बीमा होता है तो मिले नुकसान का फायदा

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : सीमांत ब्लाक रामगढ़ के पंचायत हल्का केसो-मन्हासां में फसली बीमा कंपनी रिलायंस प्राधिकरण द्वारा एक दिवसीय जागरूकता शिविर लगाया गया। इसमें कंपनी के जिला एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों ने किसानों को फसली बीमा का महत्व समझाया। इस दौरान कई किसानों ने बीमा के बाद भी तमाम औपचारिकताओं के कारण होने वाली परेशानी पर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि फसलों को नुकसान होता है, तो मुआवजा मिलना चाहिए। जागरूकता शिविर की अध्यक्षता सरपंच कुलदीप कुमार वर्मा ने की।

शिविर में कंपनी के जिला समन्वयक मुकेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सेवा एवं सुविधा के लिए जिन फसली बीमा योजना को लागू किया है, उसके कई लाभ हैं। किसान इससे भविष्य को सुरक्षित बना रहे हैं। यदि कहीं फसली सीजन पर प्राकृतिक आपदा एवं मौसम की मार का बुरा असर पड़ता है, तो उससे होने वाले नुकसान का बीमा धारक किसानों को पूरा लाभ मिलता है। जो किसान इस योजना का लाभ नहीं लेते, उनको सिर्फ सरकारी सहायता पर ही निर्भर रहना पड़ता है। मौजूदा समय में भी खरीफ सीजन पर पड़ी ओलावृष्टि, बारिश व आंधी की मार से सीमांत किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान से उन किसानों को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, जिन्होंने फसलों का बीमा करवाया है। मगर उन किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर पडेगी, जो इसका लाभ लेने से वंचित रहे हैं। लिहाजा अपने निजी बैंक शाखा में पहुंच कर किसान फसली बीमा योजना का लाभ लें और फसलों के साथ अपना भविष्य भी सुरक्षित बनाएं। इस मौके पर कंपनी के ब्लाक समन्वयक अनिल शर्मा, पंच गुरमीत सिंह, पंच नरिद्र शर्मा आदि समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि व किसान उपस्थित थे। औपचारिकताओं के कारण नहीं मिल पाता लाभ

फसलों का बीमा करने के नाम पर तमाम औपचारिकताओं से होने वाली परेशानी को लेकर किसानों ने सवाल उठाए। बीमा कंपनी के अधिकारियों से सवाल भी पूछे। कहा कि उनकी फसलों का हर सीजन में बीमा तो होता है, लेकिन नुकसान का मुआवजा नहीं मिलता। किसानों ने कहा कि जिनके पास केसीसी सेवा उपलब्ध है, उनके हर फसली सीजन पर बीमा कर दिया जाता है। जब फसलों के खराब होने की बात सामने आती है तो मुआवजे के नाम पर कई प्रकार की औपचारिकताएं दर्शा दी जाती हैं। इससे किसान परेशान होते हैं। बीमा का लाभ भी नहीं मिल पाता। सरपंच ने भी किया किसानों का समर्थन

फसली बीमा योजना के नाम पर किसानों की परेशानी पर सरपंच कुलदीप वर्मा ने भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि अगर किसानों के बैंक खातों से फसली बीमा पालिसी के नाम पर पैसे काट लिए जाते हैं तो उनको फसल खराबे का मुआवजा भी मिलना चहिए। ऐसा नहीं कि बीमा कंपनियां सरकार के साथ मिलकर अपना राजस्व बढ़ाती रहें और किसान अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को मजबूर होते रहें।

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