Tantra ke Gan : काेरोना काल में नौकरशाह से बन गईं सेवादार, झुग्गियों में जाकर पहुंचाई मदद

आइएएस अधिकारी अवनी लवासा लॉकडाउन के दौरान अवनी अन्य अधिकारियों और निगम की टीम के साथ विभिन्न मुहल्लों में पहुंचीं। इतना ही नहीं अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इस काम में किसी प्रकार की कोताही नहीं करने के निर्देश दिए ताकि कोई जरूरतमंद भूखा न सोने पाए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 03:26 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 03:47 PM (IST)
Tantra ke Gan : काेरोना काल में नौकरशाह से बन गईं सेवादार, झुग्गियों में जाकर पहुंचाई मदद
आइएएस अधिकारी अवनी लवासा ने लॉकडाउन के बीच झुग्गी-झोपड़ियों में पहुंच कर गरीब व जरूरतमंदों लोगों की मदद की

जम्मू, अंचल सिंह : मुश्किल की घड़ी में ही इंसान की सही पहचान होती है। कोरोना काल में ऐसी ही इंसानियत की मिसाल बनकर उभरी आइएएस अधिकारी अवनी लवासा। उन्होंने जम्मू नगर निगम के आयुक्त पद पर रहकर मंदिरों के शहर में कोरोना काल के दौरान ऐसी सेवाएं दी, जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बीच जगह-जगह झुग्गी-झोपड़ियों में पहुंच कर अवनी ने गरीब व जरूरतमंदों लोगों की मदद की। उन्होंने इंसानियत का परिचय देते हुए जमीनी सतह पर काम किया। 

लॉकडाउन के दौरान अवनी अन्य अधिकारियों और निगम की टीम के साथ विभिन्न मुहल्लों में पहुंचीं। इतना ही नहीं अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इस काम में किसी प्रकार की कोताही नहीं करने के निर्देश दिए ताकि कोई गरीब व जरूरतमंद भूखा न सोने पाए। जिला प्रशासन के अलावा व्यापारियों के साथ मिलकर उन्होंने हजारों टन आटा, दालें व खाने-पीने की चीजें लोगों तक पहुंचाई। इतना ही नहीं उन्होंने जनता के स्वास्थ्य को सर्वाेपरि करार देते हुए शहर के सभी 75 वार्डों में सैनिटाइजेशन और फागिंग का अभियान भी शुरू करवाया। लॉकडाउन के दौरान शहर के सभी बाजारों, सार्वजनिक स्थलों, सरकारी दफ्तरों, इमारतों में उनकी अगुवाई में सैनिटाइजेशन की गई ताकि कोविड-19 के प्रभाव से मंदिरों के शहर को बचाया जा सके। उनके यह प्रयास फलीभूत भी हुए और जम्मू में बहुत कम मामले सामने आए।

इतना ही नहीं शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में भी वह चुप नहीं बैठी। कोरोना महामारी के दौरान भी देर तक कार्यालय में बैठ कर शहर वासियों की भलाई के लिए सोचती व करती रहीं। उन्होंने जम्मू शहर की रैंकिंग को स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा करने के लिए भी जोरदार प्रयास किए। इस दौरान उन्होंने शहर भगवती नगर में पुराने कचरे के निस्तारण, कोट भलवाल में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए भी बहुत काम किया। लोगों को जागरुक करने के लिए विभिन्न प्रयास उनकी देखरेख में अभी भी जारी हैं जिनके रिजल्ट जल्द देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं शहर में अवैध निर्माण रोक कर स्मार्ट सिटी बनाने में भी उनका योगदान सराहा जा रहा है।

सेवा भाव ने ही दूसरे अधिकारियों से अलग बनाई छवि : अवनी में जनसेवा का भाव ही उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बना रहा है। निगम आयुक्त बनने के बाद से ही वह ऐसे प्रयास कर रही हैं जिनसे आम लोग लाभान्वित हो सकें। चूंकि उनकी नगर निगम में नियुक्ति के थोड़ी देर बाद ही कोरोना महामारी फैल गई थी लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी सूझबूझ कर परिचय दिया। उन्होंने जम्मू शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए उन्होंने दो वर्षों से लटके पंजतीर्थी मल्टीटियर पार्किंग के प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करवाने में अहम भूमिका निभाई। कोरोना महामारी के दौरान ही उन्होंने इस प्रोजेक्ट को शुरू करवाने की प्रक्रिया जारी रखी और अक्टूबर 2020 में पुन: इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। 258 कारों और 136 दोपहिया वाहनों को खड़ा करने के लिए बन रही इस बहुमंजिला पार्किंग से पुराने शहर को बहुत राहत मिलेगी। मेयर चंद्र मोहन गुप्ता व डिप्टी मेयर पूर्णिमा शर्मा ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए अवनी के प्रयासों की सराहना की। 

अपनी निष्ठा के लिए जानी जाती हैं अवनी : मौजूदा समय में जम्मू नगर निगम की आयुक्त अवनी लवासा निष्ठावान अधिकारियों में गिनी जाती हैं। इससे पहले उन्हें तब प्रसिद्धी मिली, जब वह वर्ष 2019 में मई माह लेह में उन्होंने बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेताओं के खिलाफ मीडियाकर्मियों को रिश्वत देने के मामले में एफआइआर दर्ज करवाने में देर नहीं लगाई। बताया जाता है कि मामले को रफा-दफा करने के लिए अवनी पर काफी दबाब बनाया गया था, लेकिन उन्होंने कानून के मुताबिक कार्रवाई की। अवनी को वर्ष 2017 के सितंबर माह में लेह का उपायुक्त बनाया गया था।

अवनी ने बहुत कम समय में वहां कई ऐसे काम कर दिए, जिससे जनता उनकी प्रशंसक बन गई। लेह शहर में बढ़ते यातायात को कम करने के लिए उन्होंने कई सख्त कदम उठाए। नए कॉमर्शियल वाहनों के पंजीकरण पर रोक और किराए पर बाइक देने के नियमों में भी बदलाव कर दिया। नो व्हीकल डे के तहत शनिवार के दिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सरकारी और निजी वाहन का इस्तेमाल नहीं करेगा। दोपहिया वाहन, साइकिल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मदद लेकर दफ्तर आने के निर्णय भी उन्होंने लिए थे। जनवरी 2020 में उन्हें जम्मू नगर निगम का आयुक्त बनाया गया। तब से वह एक सफल और बेदाग अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में आइएएस की परीक्षा पास की थी।

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