Birma Bridge : डबल पैनल रेलिंग लगाकर बिरमा नदी पर पुल को किया जा रहा और अधिक मजबूत

बिरमा पुल से आवाजाही बंद होने से लोगों को काफी घूम कर लंबे रास्तों से या बिरमा नदी के बीच से गुजर कर जोखिम में डालना पड़ रहा है। ऐसा करते हुए एक व्यक्ति की बिरमा में डूब कर मौत भी हो चुकी है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:57 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:57 PM (IST)
Birma Bridge : डबल पैनल रेलिंग लगाकर बिरमा नदी पर पुल को किया जा रहा और अधिक मजबूत
पुल तैयार करने में जवान युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं।

ऊधमपुर, जागरण संवाददात : जोरदार बारिश में पिछले दिनों क्षतिग्रस्त हुए बिरमा पुल के विकल्प के रूप में बीआरओ नए पुल का काम कर रहा है। लेकिन उसमें दो सप्ताह का समय लग जाएगा। पुल तैयार करने में जवान युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं। मंगलवार से असुरक्षित घोषित इस पुल से आवाजाही पूरी तरह बंद रखा गया है।

पुल बंद होने से लोगों की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ गई थी। इसके चलते पुराने पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को बाईपास कर दूसरा बैली पुल बनाया जा रहा है। इस पुल का टेस्ट लोड़ सोमवार को प्रस्तावित था, मगर पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए लिहाज से और मजबूती दी जा रही है। अब लोड टेस्ट कर मंगलवार शाम तक पुल वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जा सकता है।

बिरमा नदी पर मौजूद पुल से 300 मीटर की दूरी पर नया बैली पुल बनाने का काम कर रहा है। नई जगह पर बनाया जा रहा बैली पुल तकरीबन दो सप्ताह में बन कर तैयार होगा। बिरमा पुल से आवाजाही बंद होने से लोगों को काफी घूम कर लंबे रास्तों से या बिरमा नदी के बीच से गुजर कर जोखिम में डालना पड़ रहा है। ऐसा करते हुए एक व्यक्ति की बिरमा में डूब कर मौत भी हो चुकी है। रविवार शाम को भी मोंगरी रूट की बस बिरमा के बीच से गुजरते समय बीच में फंस गई। इसी दौरान जल स्तर बढ़ गया था। मगर गनीमत रही कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

वहीं लोगों को बिरमा नदी पार करने का सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन ने सेना की मदद से पुराने पुल पर एक और बैली पुल का निर्माण करवा रही है। इसका काम सेना की 54 इंजीनियर्स रेजिमेंट कर रही है। शनिवार से शुरू यह काम दिन-रात युद्ध स्तर पर जारी है। पुल को पुल के पहले पिलर से लेकर क्षतिग्रस्त हिस्से के पार तक पुल बना कर तैयार कर दिया गया है। मगर पुल को और मजबूती देने के लिए किनारों पर डबल पैनलिंग की जा रही है। आम तौर पर बैली पुल के किनारे पर पांच फीट उंचे पैनल लगाया कर रेलिंग बनाई जाती है।

इस पुल को अधिक मजबूती देने के लिए डबल पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे रेलिंग की उंचाई दस फीट हो जाएगी। पुल अनुमानित 12 टन भार क्षमता वहन करने वाला बनाया जा रहा है। इससे माना जा रहा है कि शायद यात्री बसों व छोटे यात्री वाहनों को गुजरने की अनुमति दी जा सकती है। मगर यह सबकुछ मंगलवार को होने वाले लोड़ टेस्ट के बाद ही पता चल सकेगा किस क्षमता तक के वाहनों को जाने दिया जाएगा। पुल पर डबल पैनलिंग काम भी पचास फीसद से ज्यादा हो चुका है और शेष भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

190 फीट लंबा बनाया जा रहा बैली पुल : देश की सीमा पर सुरक्षा मोर्चा संभालना हो या देश के अंदर आवाम की मदद की जिम्मेदारी निभानी हो भारतीय सेना हमेशा तत्पर रहती है। बिरमा नदी पर पुल बनाने की जिम्मेदारी उत्तरी कमान की 54 इंजीनियर्स रेजिमेंट को मिलने के बाद से रेजिमेंट के अधिकारी और जवान दिन रात पुल निर्माण में जुटे हैं। ताकि लोगों की परेशानी जल्द खत्म हो सके और उत्तरी कमान का मुख्य आर्टिलेरियर संपर्क मार्ग को वापिस बहाल किया जा सके।

उत्तरी कमान के पीआरओ कर्नल अभिनव नवनीत ने बताया कि अहम पुल क्षतिग्रस्त होने से पुल को पैदल लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। डीसी ऊधमपुर ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की और सेना से पुल को जल्द बहाल करने की मदद मांगी। इसके बाद से सेना के इंजीनियर्स बैली क्षतिग्रस्त हिस्से को बाईपास करते हुए 190 फीट का पुल बना रहे हैं।

इस पुल को बनाने में 250 से ज्यादा पैनलों का प्रयोग किया जाएगा। हर पैनल (प्लैंक) का वजन तकरीबन 258 किलोग्राम है। इनको उठाना और एक से दूसरी जगह तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनैती है। भारतीय सेना के जवान चिलचिलाती धूप और गर्मी के परवाह न करते हुए जम्मू कश्मीर की आवाम के लिए दिन रात काम में जुटी है।

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