जम्मू कश्मीर में जनजागरण अभियान को तेजी देने 22 को जम्मू आएंगे भाजपा के दिग्गज

रैली के माध्यम से महाराजा की छवि खराब करने की साजिश करने वालों को भी निशाना बनाया जाएगा। रैली के साथ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 01:47 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 01:47 PM (IST)
जम्मू कश्मीर में जनजागरण अभियान को तेजी देने 22 को जम्मू आएंगे भाजपा के दिग्गज
जम्मू कश्मीर में जनजागरण अभियान को तेजी देने 22 को जम्मू आएंगे भाजपा के दिग्गज

जम्मू, राज्य ब्यूरो। भाजपा के राष्ट्रव्यापी जनजागरण अभियान को कामयाब बनाने के लिए पार्टी के मंत्री और दिग्गज नेता 22 सितंबर की जम्मू रैली में शामिल होंगे। रैली में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाम जाजू के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह अनुच्छेद 370 से हुए नुकसान के साथ महाराजा हरि सिंह के योगदान पर प्रकाश डालेंगे। इस रैली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के भी आने के आसार थे, लेकिन कुछ राज्यों में चुनावी सरगर्मियों के कारण उनका आना मुश्किल है।

जनजागरण अभियान के तहत जम्मू के बाद डोडा, राजौरी, लेह, कारगिल व श्रीनगर में भी रैलियां होंगी। इनमें हिस्सा लेने के लिए दिल्ली से भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री भी आएंगे। जम्मू शहर में यह कार्यक्रम महाराजा की 125वीं जयंती से एक दिन पहले उन्हें समर्पित पार्क में किया जाएगा। रैली के माध्यम से महाराजा की छवि खराब करने की साजिश करने वालों को भी निशाना बनाया जाएगा। रैली के साथ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी में अनुच्छेद 370 से पैदा हुई समस्याओं के साथ जम्मू कश्मीर की तरक्की व खुशहाली के लिए महाराजा द्वारा लिए गए फैसलों को उजागर किया जाएगा।

यह जानकारी जम्मू में प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष व जनजागरण अभियान के प्रभारी ठाकुर नारायण सिंह ने दी। इस मौके पर राज्य प्रवक्ता बलवीर राम व जनजागरण अभियान के सह प्रभारी एचएस पम्मी भी मौजूद थे। ठाकुर नारायण ङ्क्षसह ने लोगों से रैली को कामयाब बनाने की अपील करते हुए कहा कि जम्मू बार एसोसिएशन के साथ कई सामाजिक संगठन इस कार्यक्रम को कामयाब बनाने के लिए सहयोग दे रहे हैं।

प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि लोग ऐसे ताकतों को आघात पहुंचाएं, जो महाराजा की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए जम्मू कश्मीर में दशकों से काम कर रही हैं। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि महाराजा ने विभाजन से पहले राउंड टेबल कांफ्रेंस में स्पष्ट किया था कि वह स्वतंत्र भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शेख अब्दुल्ला ने अंग्रेजों के साथ मिलकर साजिश रचकर महाराजा को जबरदस्ती राज्य से बाहर निकाला था। महाराजा का निधन भी राज्य से बाहर हुआ।

लॉर्ड माउंटबेटन, शेख अब्दुल्ला व जवाहर लाल नेहरू को जम्मू कश्मीर की सभी समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि बाद में ऐसे विवादास्पद कानून बनाए गए, जिससे जम्मू कश्मीर में आतंकवाद व अलगाववाद पैदा हुआ। ये सभी तथ्य जम्मू रैली में उजागर किए जाएंगे।

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