Jammu Kashmir: मंगलवार को खुलने के बाद बिरमा पुल हुआ क्षतिग्रस्त, वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद
60 घंटों तक बंद रहने के बाद मंगलवार सुबह यातायात के खोला गया बिरमा नदी पर बना पुल बारिश के 28 घंटों के बाद फिर से क्षतिग्रस्त हो गया है। पहले अप्रोच रोड़ ही धंसी थी मगर इस बार जिस पर पुल टिका होता है वह अबटमेंट धंसने लगी।
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता । 60 घंटों तक बंद रहने के बाद मंगलवार सुबह यातायात के खोला गया बिरमा नदी पर बना पुल बारिश के 28 घंटों के बाद फिर से क्षतिग्रस्त हो गया है। पहले तो अप्रोच रोड़ ही धंसी थी, मगर इस बार जिस पर पुल टिका होता है, वह अबटमेंट धंसने लगी है। जिसके पुल यातायात के लिए असुरिक्षत हो गया है। इसलिए पुल को यातायात के साथ राहगीरों के लिए भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
बीआरओ के अधिकारी व इंजीनियर पुल का जायजा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। पुल यातायात के लिए कब तक खुल पाएगा यह अधिकारियों और इंजीनियरों के आकलन के बाद ही पता चल सकेगा। ऊधमपुर शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर पुराने जम्मू श्रीनगर हाईवे पर बिरमा नदी पर आधी सदी से अधिक समय पहले बना पुल की अप्रोच रोड़ का एक हिस्सा धंसने की वजह से शनिवार शाम को क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद रविवार और सोमवार को यह चार पहिया वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद रखा गया था। अप्रोच रोड़ के धंस कर क्षतिग्रस्त हुए हिस्से में पत्थर और बजरी की भराई करने के बाद पुल को मंगलवार सुबह यातायात के लिए खोल दिया गया। मंगलवार से लगातार यातायात इस पर चल रहा था।
मगर खुलने के 28 घंटों के बाद बिरमा पुल का ठीक किया गया हिस्सा फिर से धंस कर क्षतिग्रस्त हो गया। इस बार केवल पुल की अप्रोच रोड़ ही नहीं धंसी है, बल्कि वह अबटमेंट जिस पर पुल टिका होता है, वह भी धंसना शुरु हो गया है। अप्रोच रोड़ के धंसने से तो पुल को कोई फर्क नहीं था, मगर अबटमेंट के धंसना चिंताजनक है। क्योंकि यदि यह इसी तरह से धंसता रहा तो पुल टूट भी सकता है। अबटमेंट के धंसने की वजह से बीआरओ ने जिला पुलिस और प्रशासन की मदद से पुल को वाहनों के साथ आम लोगों की पैदल आवाजाही के लिए भी पूरी तरह से बंद कर दिया है। पुल के दोनों तरफ कंटीली तारें लगा कर पुलिस और सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं। जिस वक्त यह हिस्सा धंसा उस समय कई लोग इस रास्ते से गुजर रहे थे। पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद पुल को बंद कर दिया है। किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बताते चलें कि कि इसके पहले पिछले वर्ष मार्च में भी पुल की अप्रोच क्षतिग्रस्त हुई थी। जिसके बाद इसे कुछ हफ्तों के लिए बंद रखा गया था और मरम्मत के बाद फिर से खोला गया था। पुल से आवागमन के लिए फिर से बंद होने से जम्मू, गढ़ी, चोपड़ा शॉप, फलाटा, रैंबल, टी मोड़, क्रिमची, पंचैरी, लांदर जाने वाले लोगों को पहले की तरह हाईवे बाईपास से लंबा रास्ता अपना कर आना जाना पड़ रहा है।
इस बारे में बीकन 52 आरसीसी के ओसी मुकुल विशिष्ट ने बताया कि शनिवार को बारिश के पानी की सीपेज से नीचे भरी गई मिट्टी, रेत और पत्थरों के मिश्रण में मिट्टी बह कर निकल गई। जिससे पत्थर बैठ गए और जगह खाली होने से उपर बनी अप्रोच रोड़ टूट गई। खाली को पत्थरों से भर कर ठीक कर दिया गया। मगर आज अप्रोच रोड़ फिर से क्षतिग्रस्त होने के साथ पुल की अबटमेंट भी धंसने लगी है। ऐसी स्थिति में पुल असुरक्षित होने का खतरा बढ़ गया है। पुल लगभग 55 साल पुराना है। यह जितनी वजन और गति के लिए डिजाईन हुआ था आज उससे कई गुणा वजन और वाहनों की रफ्तार को झेल रहा है। फिलहाल जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि ऐसा क्यों हुआ है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी व इंजीनियरों की टीम मौके पर जायजा लेने जा रही है। जायजा लेने के बाद ही पता चल सकेगा।