Jammu : परिसीमन आयोग के दौरे से पूर्व सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने आरक्षण का मुद्दा उठाया

सिख संगठनों और विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड ने मांग की है कि जम्मू कश्मीर की विधानसभा में सिख समुदाय को राजनीतिक आरक्षण दिया जाए जम्मू संभाग की दो और कश्मीर संभाग की दो सीटों के अलावा सिख समुदाय के लिए लोकसभा की एक सीट आरक्षित की जाए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Wed, 30 Jun 2021 05:01 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jun 2021 05:01 PM (IST)
Jammu : परिसीमन आयोग के दौरे से पूर्व सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने आरक्षण का मुद्दा उठाया
एक बार फिर से सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने राजनीतिक आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : परिसीमन आयोग के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले एक बार फिर से सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने राजनीतिक आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया है। जम्मू, सांबा, रामबन, डोडा, कठुआ ऊधमपुर, रियासी और किश्तवाड़ की जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों की संयुक्त बैठक गुरुद्वारा बाबा फतेह सिंह गांधीनगर जम्मू में हुई। बैठक की अध्यक्षता जम्मू कश्मीर गुरद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर ने की। इस दौरान कश्मीर की दो सिख लड़कियों के मतांतरण के मामले की कड़ी निंदा भी की गई।

सिख संगठनों और विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों, गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड ने मांग की है कि जम्मू कश्मीर की विधानसभा में सिख समुदाय को राजनीतिक आरक्षण दिया जाए जम्मू संभाग की दो और कश्मीर संभाग की दो सीटों के अलावा सिख समुदाय के लिए लोकसभा की एक सीट आरक्षित की जाए। पत्रकारों से बातचीत में जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया जम्मू कश्मीर में शुरू हुई है। हमारी मांग है कि परिसीमन आयोग सिख नेताओं से प्रतिनिधियों से बातचीत करें। सिख समुदाय को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुने हुए सदस्य या गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के चेयरमैन या स्वतंत्र सिख नेता या ब्लाक विकास परिषद के सिख सदस्य को परिसीमन आयोग के साथ बैठक में शामिल किया जाए। हमारी यह मांग काफी समय से चली आ रही है कि पंजाबी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए और जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाए या केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के क्षेत्राधिकार में जम्मू-कश्मीर लाया जाए। जम्मू कश्मीर में सिख समुदाय और गुलाम कश्मीर के रिफ्यूजी अल्पसंख्यक हैं और उन्हें नजरअंदाज किया जाता रहा है। एससी, एसटी और अन्य समुदायों को राजनीतिक आरक्षण हासिल है और इस तरह से सिख समुदाय को राजनीतिक आरक्षण मिलना चाहिए।

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