हर ब्लॉक विकास चेयरमैन को मिलेंगे 25 लाख

उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने प्रदेश में ब्लॉक विकास निधि को मंजूरी दे दी। यह निधि निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि की तर्ज पर होगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 08:50 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 08:50 AM (IST)
हर ब्लॉक विकास चेयरमैन को मिलेंगे 25 लाख
हर ब्लॉक विकास चेयरमैन को मिलेंगे 25 लाख

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की पहली वर्षगाठ से पहले मंगलवार को उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने प्रदेश में ब्लॉक विकास निधि (बीडीएफ) को मंजूरी दे दी। यह निधि निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि (सीडीएफ) की तर्ज पर होगी और प्रत्येक ब्लॉक विकास चेयरमैन को इसके तहत 25 लाख रुपये आबंटित किए जाएंगे।

जम्मू कश्मीर में ब्लॉक विकास परिषदों के चेयरमैन बीते कुछ समय से स्थानीय विकास कार्यो के लिए उन्हें एक अलग से निधि प्रदान किए जाने की माग कर रहे थे। पंचायत प्रतिनिधियों ने कई बार उप राज्यपाल के साथ अपनी यह माग उठाई।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि उप राज्यपाल ने सीडीएफ की तर्ज पर बीडीएफ के गठन को मंजूरी दे दी है। प्रत्येक ब्लॉक विकास परिषद चेयरमैन को अब इस निधि के तहत 25 लाख रुपये आबंटित होंगे, जिन्हें वह अपने ब्लॉक में विकास कार्यो के लिए खर्च कर सकेगा। इन विकास कार्यो की प्राथमिकता संबंधित ब्लॉक विकास परिषद चेयरमैन ही स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर तय करेगा।

ऑल जम्मू कश्मीर पंचायत काफ्रेंस के चेयरमैन अनिल शर्मा ने उपराज्यपाल द्वारा बीडीएफ के गठन को मंजूरी प्रदान किए जाने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इससे पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में जिस तेजी से महगाई बढ़ रही है, मजदूरी की दर बढ़ रही है, निर्माण सामग्री की कीमतें आस्मा छू रही हैं, ऐसे हालात में 25 लाख रुपये की राशि कम है। हम उम्मीद करते हैं कि उपराज्यपाल यह राशि जल्द ही बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हम उपराज्यपाल से आग्रह करेंगे कि वह सभी पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के साथ ही उन्हें अन्य वैधानिक, वित्तीय और कार्यकारी अधिकार भी प्रदान करें। डल व नगीन झील के संरक्षण के लिए दिए सुझाव

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : डल और नगीन झील के संरक्षण और उनके खोए गौरव की पुनर्बहाली के उपायों पर मंगलवार को उपराज्यपाल जीसी मुर्मू को विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिए। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई।

इस दौरान डल झील के बाहरी किनारों को अतिक्रमण से बचाने पर विशेषज्ञ समिति ने अपने सुझाव दिए। बैठक में एसटीपी के लिए तैयार की जा रही डीपीआर की मौजूदा स्थिति पर भी बातचीत हुई है। विशेषज्ञ समिति ने कहा कि डल झील और उसके आसपास के क्षेत्र में कोई भी विकास योजना उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशानुसार ही लागू होनी चाहिए। समिति ने झीलों के संरक्षण और प्रबंधन को प्रभावी रूप से सुनिश्चित बनाने के लिए जम्मू कश्मीर झील एवं जलमार्ग विकास प्राधिकरण (लावडा) के उपाध्यक्ष को और सशक्त बनाने का भी सुझाव दिया है।

उपराज्यपाल ने कहा कि विशेषज्ञ समिति के सुझावों को झील के संरक्षण, रखरखाव और बहाली की योजना में शामिल किया जाएगा। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि समित के निर्देशानुसार ही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से चार करोड़ रुपये की लागत से बजरी व खरपतवार हार्वेस्टर खरीदे गए हैं। झील के भीतर और आसपास के 200 मीटर के इलाके में अवैध निर्माण रोकने के लिए ड्रोन के जरिए हवाई सर्वेक्षण भी किया जा रहा है। 100 परिवारों के लिए बायोडाइजेस्टर भी खरीदे जा रहे हैं। 10-10 परिवारों के समूह के लिए बड़े आकार के बायोडाइजेस्टर भी पायलट आधार पर 3.5 करोड़ की लागत से खरीदे जा रहे हैं। बैठक में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पाेरेशन के पूर्व एमडी डॉ. ई श्रीधरन, केरल की पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. निवेदिता पी हरन समेत विशेषज्ञ समिति के सभी सदस्यों ने भाग लिया।

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