Jammu: बाढ़ से मिले घाव भरने का इंतजार कर रहा बाग-ए-भौर, फ्लोरीकल्चर विभाग सौंदर्यीकरण में नहीं दिखा रहा दिलचस्पी

भौर कैंप की तरफ से जाने के लिए बनाए गए पुल से सटे पार्क की बाउंड्री पर बाढ़ में बहकर आया कचरा अब तक नहीं साफ किया जा सकता है। बाढ़ में यह बाउंड्री आधी डूब गई थी जिसका अंदाजा उस पर लटके कचरे को देख कर लगाया जा सकता।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 08:00 AM (IST)
Jammu: बाढ़ से मिले घाव भरने का इंतजार कर रहा बाग-ए-भौर, फ्लोरीकल्चर विभाग सौंदर्यीकरण में नहीं दिखा रहा दिलचस्पी
पार्क से सटकर गुजरने वाली स्थानीय नदी की बाढ़ में पार्क की दो तरफ से चहारदीवार टूट गई।

जम्मू, जागरण संवाददाता : शहर से करीब बीस-बाइस किलोमीटर दूर करीब ढाई सौ कनाल में फैले खूबसूरत बाग-ए-बाहु अब सैलानियों को अपनी ओर लुभाने लगा है। यहां लगा म्यूजिकल फाउंटेन रात में अलग ही नजारा पेश करता है। गांव के प्राकृतिक माहौल में बने इस खूबसूरत पार्क को देखने के लिए रोजाना जम्मू शहर से लोग पहुंचते हैं। इसके बावजूद हार्टीकल्चर विभाग ने इस साल बरसात के मौसम में बाढ़ से पार्क के नुकसान को अब तक नहीं ठीक कर पाया है। पार्क से सटकर गुजरने वाली स्थानीय नदी की बाढ़ में पार्क की दो तरफ से चहारदीवार टूट गई थी। अब तक इसका आधा भाग ही ठीक किया जा सका है।

इतना ही नहीं, भौर कैंप की तरफ से जाने के लिए बनाए गए पुल से सटे पार्क की बाउंड्री पर बाढ़ में बहकर आया कचरा अब तक नहीं साफ किया जा सकता है। बाढ़ में यह बाउंड्री आधी डूब गई थी, जिसका अंदाजा उस पर लटके कचरे को देख कर लगाया जा सकता है। पार्क के बीच सैकड़ो गमले रखे हैं, जिनको पार्क में लगाया जाना है, लेकिन अब तक इनमें पौधे नहीं लगाए गए हैं। ऐसा लगता है कि फ्लोरीकल्चर विभाग को पार्क के सौंदर्यीकरण के काम को तेज करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। यदि इन गमलों में पौधे लगाकर पार्क में लगा दिए जाएं तो इसकी खूबसूरती को चार चांद लग जाएंगे।

पूरे पार्क में बनी चाहिए पक्की चहारदीवारी :

जिस तरह से पार्क में आधी चहारदीवारी बनाई गई है, यदि इसी तरह बाकी हिस्से में भी चहारदीवारी बनाई जाए, तभी बाढ़ के पानी को रोका जा सकता है। हालांकि इसका आधा काम पूरा कर लिया गया है, लेकिन शेष काम कब पूरा होगा, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं है। लोहे की जालियों से बनी चहारदीवार को बाढ़ ने पूरी तरह गिरा दिया था। इसके निशान अब भी वहां आने वाले सैलानियों को दिखाई देते हैं। इसलिए फ्लोरीकल्चर विभाग को जल्द से जल्द इस काम को भी पूरा करना चाहिए।

एक शौचालय से नहीं साफ किया गया कचरा :

बरसात के मौसम में नाले का पानी पार्क में घुस आया था। स्थानीय लोगों की मानें तो पार्क में चार फुट से ज्यादा पानी आ गया था। इससे नाले की तरफ बने दोनों शौचालयों में कचरा भर गया था। एक शौचालय को तो कामचलाऊ ढंग से ठीक कर दिया गया है, लेकिन दूसरे शौचालय को अब तक नहीं साफ किया गया है। इस पर अब भी ताला लटका रहता है। इससे वहां घूमने आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  

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