Jammu Kashmir: बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत 50 हजार युवाओं को दी जाएगी वित्तीय मदद, बिना टेंडर नहीं होगा कोई काम

उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं में बहुत संभावना और प्रतिभा है। अब तक हम 19 हजार युवक-युवतियों को वित्तीय मदद दे चुके हैं। इस साल हमारा लक्ष्य 50 हजार युवाओं को मदद करना है ताकि वह सफल उद्यमी बन सकें।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:22 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:22 AM (IST)
Jammu Kashmir: बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत 50 हजार युवाओं को दी जाएगी वित्तीय मदद, बिना टेंडर नहीं होगा कोई काम
इस साल हमारा लक्ष्य 50 हजार युवाओं को मदद करना है ताकि वह सफल उद्यमी बन सकें।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में गांव की ओर (बैक टू विलेज) कार्यक्रम के तहत 50 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय मदद देने का लक्ष्य रखा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में यह खुद बताया है। उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के अवसर जुटाने के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों में स्थानीय युवाओं की नियुक्ति के लिए 18 हजार पद भी चिह्नित किए गए हैं। अधीनस्थ सेवा भर्ती बोर्ड (एसएसबी) इन पदों की चयन प्रक्रिया की रूपरेखा तय कर रहा है। बैठक में यह भी तय किया गया कि निर्धारित टेंडर प्रक्रिया को पूरा किए बिना कोई भी विभाग कोई भी परियोजना शुरू नहीं करेगा।

उपराज्यपाल ने सचिवालय में प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों और डीडीसी (जिला विकास परिषद) चेयरमैन व अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक की है। इसमें उन्होंने कहा कि गांव की ओर कार्यक्रम का अगला चरण जल्द ही शुरू होगा। इसकी कार्ययोजना को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। गांव की ओर कार्यक्रम के तीसरे चरण में उपराज्यपाल ने खुद कई गांवों का दौरा करते हुए विकास प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित बनाने की अहमियत बताते हुए उन्हेंं आॢथक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी पाने वालों की कतार में नहीं, बल्कि रोजगार देने वालों की श्रेणी में शामिल करने की जरूरत है। उनके मकसद को समझते हुए ही जम्मू कश्मीर बैंक ने प्रदेश के विभिन्न भागों के 19,600 युवाओं को स्वरोजगार के लिए 340 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद बतौर ऋण प्रदान की है। हालांकि, प्रदेश सरकार ने सिर्फ 800 युवाओं को वित्तीय मदद का लक्ष्य रखा था।

उपराज्यपाल ने कहा कि इस साल हमने 50 हजार युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए वित्तीय मदद प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। बीते साल हमने प्रत्येक पंचायत से दो बेरोजगार युवाओं-युवतियों को उद्यमी बनाने के लिए चिह्नित किया था। जम्मू कश्मीर के युवाओं में बहुत संभावना और प्रतिभा है। अब तक हम 19 हजार युवक-युवतियों को वित्तीय मदद दे चुके हैं। इस साल हमारा लक्ष्य 50 हजार युवाओं को मदद करना है ताकि वह सफल उद्यमी बन सकें।

जमीनी स्तर पर फल-फूल रहा लोकतंत्र: सरकारी नौकरियों का जिक्र करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि एसएसबी ने विभिन्न विभागों में 18 हजार पदों को चिह्नित कर उन्हें विज्ञापित भी किया है। कुछ और रिक्तियों को भी चिह्नित किया जा रहा है। हमने सार्वजनिक उपक्रमों व सरकारी विभागों में 25 हजार नौकरियां देने का वादा किया है। इसे पूरा करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर में पहली बार जमीनी स्तर पर लोकतंत्र फल-फूल रहा है। युवाओं को नीतिगत मामलों में एक अहम भूमिका निभानी है। हमारा प्रयास है कि युवाओं को यथासंभव अत्याधिक अवसर मिलें।

जिम्मेदार और पारदर्शी सरकार देना मकसद: बैठक में उपराज्याल के नेतृत्व में सभी अधिकारियों ने तय किया कि बिना टेंडर प्रक्रिया को पूरा किए कोई भी सरकारी विभाग किसी भी तरह की निर्माण योजना को शुरू नहीं करेगा। इससे काम की गुणवत्ता बनेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। टेंडर प्रक्रिया से काम में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी। उपराज्यपाल ने कहा कि मेरा मकसद यहां लोगों को एक जिम्मेदार और पारदर्शी सरकार प्रदान करना है। हमने जो लोगों से वादा किया है, उसे पूरा करना करना है और इसलिए हम यहां जमा हुए हैं। 

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