Azadi Ka Amrut Mahotsav: आगामी 25 सालों में जम्मू-कश्मीर को कैसे देखना है, इस पर सोचना होगा

उपराज्यपाल ने कहा कि अगर आप लोगों को लगता है कि प्रशासन काम नहीं कर रहा है तो आप हमारे पास आइए। विकास कार्यों में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि इतनी संपदा होने के बावजूद भी जम्मू कश्मीर में 977 गांव आज तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़े।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 07:44 AM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 09:29 AM (IST)
Azadi Ka Amrut Mahotsav: आगामी 25 सालों में जम्मू-कश्मीर को कैसे देखना है, इस पर सोचना होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब नीतियों में बदलाव किए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: अमृत महोत्सव में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर पूर्व राज्य सरकारों को जम्मू कश्मीर में विकास न होने के लिए जिम्मेदार ठहराया। आम नागरिक परेशान क्यों है। इसके मूल कारणों में जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन यह विचार करना चाहिए जो देश के अन्य भागों में विकास हुआ, क्या यहां उतना हो पाया। उपराज्यपाल ने जिला विकास परिषद के सदस्यों को भी आश्वासन दिया कि परिषदों को मजबूत बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

उपराज्यपाल ने कहा कि अगर आप लोगों को लगता है कि प्रशासन काम नहीं कर रहा है तो आप हमारे पास आइए। विकास कार्यों में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि इतनी संपदा होने के बावजूद भी जम्मू कश्मीर में 977 गांव आज तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़े। यहां के दूरदराज के क्षेत्रों को छोड़ दें तो जम्मू जैसे शहर में 20 से 22 घंटे बिजली नहीं आती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब नीतियों में बदलाव किए हैं। उन्होंने वे सभी कानून बदल दिए जो गरीबों और जरूरतमंदों को नुकसान पहुंचा रहे थे।

इतना बजट फिर भी विकास नहीं : पिछले साल जम्मू-कश्मीर का बजट एक लाख करोड़ था। यहां की आबादी एक करोड़ पच्चीस लाख है। बिहार का बजट दो लाख करोड़ और उत्तर प्रदेश का बजट पांच लाख करोड़ था लेकिन वहां की जनसंख्या कई गुणा अधिक है। इन राज्यों में सब सुविधाएं हैं लेकिन यहां बजट होने के बावजूद भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिली।

72 वर्षों में जो नहीं पूरा करेंगे : उपराज्यपाल ने कहा कि ब्रिगेडियर राजेंद्र ङ्क्षसह को तभी सच्ची श्रद्धांजलि होगी जब हम 72 वर्षों में जो नहीं हुआ, उसे पूरा करें। दूरदराज के गांव में 22 घंटे बिजली मिले, इसका प्रबंध भी हो रहा है। पांच लाख का इलाज भी मिल रहा है। पंचायतों में पारदर्शी तरीके से काम करवाएंगे। हमें राजनीतिक समानता के साथ समाजिक और आर्थिक समानता के लिए भी काम करना होगा। अब किसानों को सेब का बगीचा लगाने के लिए सरकार की अनुमति नहीं चाहिए। पहले इसके लिए भी अनुमति चाहिए होती थी। उपराज्यपाल ने कहा कि जिला विकास परिषदों को मजबूत करने के लिए हम पूरे कदम उठाएंगे। आने वाले दिनों में उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। आने वाले 25 सालों में हम जम्मू-कश्मीर को कैसे देखना है, इस पर भी हमें सोचना होगा। नए समय की मांग के अनुसार बच्चों को तैयार करें। 

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