Jammu Kashmir: अस्पतालों में आक्सीजन की जरूरत-सप्लाई का पता लगाने को आडिट शुरू
सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरत सप्लाई का पता लगाने के लिए एक व्यापक आडिट शुरू किया है जिसमें ऑक्सीजन की जरूरत सप्लाई और उपलब्धता का पता चल सकेगा। इस समय जम्मू संभाग के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई सभी अस्पतालों में की जा रही हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरत, सप्लाई का पता लगाने के लिए एक व्यापक आडिट शुरू किया है जिसमें ऑक्सीजन की जरूरत, सप्लाई और उपलब्धता का पता चल सकेगा। इस समय जम्मू संभाग के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई सभी अस्पतालों में की जा रही हैं। ऑक्सीजन के आडिट से चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
अस्पताल प्रबंधन मैकेनिकल इंजीनियरिंग, लीगल मेट्रोलॉजी और अन्य अधिकारियों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन का ऑडिट शुरू कर दिया है इसकी जानकारी जनजाति मामलों के विभाग के सचिव और कोविड-19 जम्मू संभाग के प्रभारी डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई को जरूरत के अनुसार पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और पिछले कुछ दिनों से कई ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं। ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट जम्मू संभाग के कई अस्पतालों में स्थापित किए जा रहे हैं।
पिछले कुछ समय से ही जम्मू के अस्पतालों में ऑक्सीजन के ढांचे को मजबूत किया गया है। सरकार ने 15000 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट जम्मू के मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों के लिए मंजूर किए हैं। पिछले 2 सप्ताह के दौरान 6100 एलपीएम क्षमता के प्लांट शुरू किए गए हैं और 2500 एलपीएम क्षमता के प्लांट जल्द शुरू हो जाएंगे।
इसके अलावा अतिरिक्त सिलेंडर और कंसंट्रेटर सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सांबा, राजौरी और रियासी में सरकार ने क्रमश 1200,एल पीएम 3000 एलपीएम और 1200 एलपीएम की मंजूरी दी है। डोडा में 750 एलपीएम की क्षमता का उत्पादन प्लांट लगाया जा रहा है और 2250 अतिरिक्त क्षमता वाला शीघ्र शुरू किया जाएगा। किश्तवाड़ में 2250 एलपीएम की क्षमता का ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट सरकार ने स्थापित किया है। उधमपुर में 1000 एलपीएम प्लांट स्थापित किया जा रहा है।
चीफ इंजीनियर नरेश खजुरिया और अन्य तकनीकी टीम उत्पादन प्लांट को शुरू करने के लिए प्रयास कर रही हैं अन्य प्लांटों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शाहिद ने कहा कि आडिट से ऑक्सीजन की जरूरत और सप्लाई का पता चल सकेगा। स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित तौर पर चिकित्सा के ढांचे की निगरानी की जा रही है। कंट्रोलर लीगल मेट्रोलॉजी जम्मू को चिकित्सा के ढांचे की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए लगाया गया है ।
डायरेक्टर इंडस्ट्री और कामर्स अनु मल्होत्रा की देखरेख में वार रूम 24 घंटे काम कर रहे हैं। इंडस्ट्री विभाग सिलेंडरों के अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत को पूरा करने के हर संभव प्रयास कर रहा है।