दो जून को दो जून की रोटी के लिए करेंगे प्रदर्शन

लॉकडॉउन के इस दौर में काम के बिना रोटी के लिए परेशान देश भर के कलाकार दो जून को दो जून की रोटी के लिए प्रदर्शन करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 05:14 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 05:14 AM (IST)
दो जून को दो जून की रोटी के लिए करेंगे प्रदर्शन
दो जून को दो जून की रोटी के लिए करेंगे प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, जम्मू : लॉकडॉउन के इस दौर में काम के बिना रोटी के लिए परेशान देश भर के कलाकार दो जून को दो जून की रोटी के लिए प्रदर्शन करेंगे। कलाकार 'सूने साज, सुने सरकार' मुहिम शुरू करने जा रहे हैं। इस देशव्यापी आदोलन में जम्मू के कलाकार भी एकजुट हो कर प्रदर्शन को तैयार हैं। इससे पहले भी कलाकार आर्थिक मदद एवं काम के लिए प्रदर्शन कर चुके हैं। अब कलाकार देश व्यापी इस आंदोलन को सफल बनाने में जुट गए हैं।

इस मुहिम को सफल बनाने के लिए कलाकारों ने एक-दूसरे को फोन, मोबाइल पर संपर्क करना शुरू कर दिया है। कलाकारों के कई ग्रुप्स में आंदोलन को सफल बनाने के लिए मैसेज पोस्ट किए जा रहे हैं। सभी कलाकारों को एकजुट होकर देशभर के कलाकारों की शक्ति का अहसास करवाने के लिए कहा गया है। वरिष्ठ रंगकर्मी नाट्य निर्देशक संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मुश्ताक काक ने कहा कि जम्मू के कलाकारों की हमेशा उपेक्षा होती रही है। लॉकडाउन के इस दौर में कलाकारों की हालत और भी खराब है। दुख की बात है कि आज तक किसी ने भी कलाकारों की सुध तक नहीं ली। जम्मू दूरदर्शन के कार्यक्रम वर्षो से बंद हैं। जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति अकादमी एवं भाषा अकादमी से थोड़े बहुत कार्यक्रम मिलते थे। वह भी बंद कर दिए गए हैं। जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है आकाश्वाणी जम्मू की रिकार्डिंग भी बंद हो चुकी है। संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, आइसीसीआर और दूसरे सभी संगठनों के कार्यक्रम भी बंद हैं। ऐसे में कलाकारों के पास कोई काम नहीं है। इसलिए सूने साज सुने सरकार मुहिम को सफल बनाना होगा।

राष्ट्रीय स्तर पर यह मुहिम

समूह थियेटर के कार्यकारी निदेशक रविद्र शर्मा ने बताया कि कलाकारों की मांग है कि उन्हें इस राष्ट्रीय आपदा में देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिले। इसके लिए जो मौजूदा वित्तीय व्यवस्था है, उसे क्रियान्वित किया जाए।

अपने आप में अनूठा होगा प्रदर्शन सभी कलाकार साथियों से कहा गया है कि 2 जून को सभी अपने वाद्य यंत्र जैसे हारमोनियम, नगाड़ा, ढोलक इत्यादि शहर के चौराहे पर रखेंगे या सभागार के सामने उनका ढेर लगाएंगे। यह मुहिम देशभर में एक साथ चलेगी। सूने पड़े साजों के सामने चार खाली कुर्सियां रखें, जिन पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, अध्यक्षता और दर्शक की पर्चियां लगाई जाए और सूने साज सुने सरकार का एक बड़ा चार्ट चस्पा किया जाए। कलाकार को एक स्थान पर एकत्रित न होने के लिए भी कहा गया है। कलाकारों को कहा गया है कि अगर कोई कलाकार हॉटस्पॉट में है या घर से बाहर नहीं निकल सकते तो अपने घर की गली में भी यह सिंबॉलिक विरोध जता सकते हैं। 2 जून की सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन में शामिल होकर कलाकार सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं।

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