Ladakh: सेना ने खारदुंगला टॉप-उत्तरी पुल्लू में बर्फबारी में फंसे 18 लोगों को बचाया
भारतीय सेना के जवानों ने वहां पहुंचते ही हिमस्खलन में फंसे वाहन को बाहर निकाला और उसमें बैठे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। उत्तरी पुल्लू में सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सेना के डॉक्टरों ने उन लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की।
श्रीनगर, जेएनएन। लद्दाख के खारदुंगला टॉप और उत्तरी पुल्लू इलाके में बर्फबारी एक बार फिर कहर बनकर बरसी। हिमपात की चपेट में आने से यहां छह वाहन और उसमें बैठे करीब 18 लोग फंस गए। हर बार की तरह एक बार फिर सेना के जवान फरिश्ता बनकर लोगों की मदद के लिए पहुंचे। जवानों ने न सिर्फ वाहन में फंसे लोगों को सुरक्षित वहां से निकाला बल्कि बर्फ में दफन हो चुके उनके वाहनों को भी बाहर निकाल सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
आपको बता दें कि खारदुंगला टॉप मार्ग काफी जोखिम भरा रास्ता माना जाता है। करीब 17500 फीट की ऊंचाई पर स्थित खारदुंगला टॉप दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है। सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 21 अप्रैल की शाम को भारी बर्फबारी के दौरान उत्तरी पुल्लू और खारदुंगला टॉप मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। इस मार्ग पर करीब 10 लोग जो कि अपने वाहनों पर सवार थे, फंस गए। सियाचिन ब्रिगेड को इस बारे में सूचना मिली और बिना पल गवाएं जवान लोगों की मदद के लिए वहां पहुंच गए। जवानों ने फंसे हुए नागरिकों को बर्फ से निकालने के लिए बचाव अभियान तुरंत शुरू किया।
Indian Army rescued 10 civilians and three vehicles at Khardung La top, Ladakh following snow slides in the region on April 21: Indian Army pic.twitter.com/Q46bJfmotS
उत्तरी पुल्लू से खारदुंगला टॉप की ओर पांच किलोमीटर की दूरी पर तीन वाहन बर्फ के नीचे दब गए थे। एक वाहन पलट गया था। भारतीय सेना के जवानों ने वहां पहुंचते ही हिमस्खलन में फंसे वाहन को बाहर निकाला और उसमें बैठे आठ लोगों को बचाया। उत्तरी पुल्लू में सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सेना के डॉक्टरों ने उन लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की। इनमें से कई नागरिक स्थानीय थे, जो पास के खारदुंग गांव में ही रहते थे। बाद में उन्हें घरों तक पहुंचाया गया। जबकि अन्यों को खालसर भेज दिया गया।
इसके अलावा खारदुंगला टॉप में भी करीब 10 नागरिक जोकि स्कारपियों, सिविल जिप्सी और एक मिनी बस में बैठे हुए थे, को भी सेना के जवानों ने अभियान के बाद बचाया। सेना ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उन्हें स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया कराई। बचाव अभियान के दौरान सुरक्षित निकले लोगों ने सेना का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मौसम का कहर हो या फिर अन्य कोई आपदा भारतीय सेना हमेशा इसी तरह लोगों की मदद के लिए हर स्थिति में तत्पर रहती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि वे हमेशा से ही सेना के आभारी हैं।