Poonch Encounter : जंगल में आतंकियों के खिलाफ उतारे पैरा कमांडो, खोजी कुत्तों की भी ली जा रही मदद

शुक्रवार सुबह सेना के जवानों के साथ पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप के जवानों ने जंगल का चप्पा-चप्पा तलाशा लेकिन आतंकी नहीं मिले। इस दौरान एक गोली आतंकियों ने सुरक्षा बलों के जवानों के ऊपर दागी लेकिन उसके बाद फिर आतंकी अपने ठिकाने में छीप गए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:38 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:38 AM (IST)
Poonch Encounter : जंगल में आतंकियों के खिलाफ उतारे पैरा कमांडो, खोजी कुत्तों की भी ली जा रही मदद
सेना ने कहा कि दोनों जांबाजों ने अद्मय साहस का परिचय दिया है।

भाटाधुलियां (पुंछ),  गगन कोहली : पुंछ जिले के मेंढर के भाटाधुलियां जंगल में आतंकियों के खिलाफ सेना का बड़े पैमाने पर अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। जंगल में छिपे बैठे आतंकियों को मार गिराने के लिए सेना ने पूरी ताकत झौंक दी है। आपरेशन में ऊधमपुर से आए पैरा कमांडो उतारने के साथ हेलीकाप्टर से भी नजर रखी जा रही है।

सेना खोजी कुत्तों की मदद भी ले रही है। अब तक इस अभियान में दो सैनिक शहीद हो चुके हैं, जबकि कोई आतंकी नहीं मारा गया है। जंगल काफी घना है और आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों ने अंदर पक्के बंकर या गुफाओं में ठिकाने बना लिए हैं, जिससे वे रुक-रुक कर गोलीबारी कर रहे हैं। आतंकियों की संख्या के बारे में भी अभी कोई पक्की जानकारी नहीं है, लेकिन इनकी संख्या ज्यादा हो सकती है।

इस बीच, भाटाधुलियां में गत वीरवार को गोलीबारी में शहीद हुए सैनिकों में 26 वर्षीय राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और 27 वर्षीय राइफलमैन योगंबर सिंह शामिल हैं। विक्रम सिंह उत्तराखंड के जिला टिहरी गढ़वाल की तहसील नरेंद्र नगर के गांव विमन के रहने वाले हैं। वहीं, योगंबर सिंह उत्तराखंड के चमोली जिला की पोखरी तहसील के गांव ग्राम संकरी के रहने वाले हैं। सेना ने कहा कि दोनों जांबाजों ने अद्मय साहस का परिचय दिया है। उनके बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।

शुक्रवार सुबह सेना के जवानों के साथ पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप के जवानों ने जंगल का चप्पा-चप्पा तलाशा, लेकिन आतंकी नहीं मिले। इस दौरान एक गोली आतंकियों ने सुरक्षा बलों के जवानों के ऊपर दागी, लेकिन उसके बाद फिर आतंकी अपने ठिकाने में छीप गए। इस बीच, ऊधमपुर से विशेष चापर से मुठभेड़ स्थल पर पैरा कमांडो भी पहुंच गए। उन्होंने इस पूरे अभियान को अपने हाथों में ले लिया है।

चरमेड़ के जंगल में भी जारी है अभियान : राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित डेरा की गली वन क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ अभियान शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा। डोरा की गली के चरमेड़ के जंगल में गत सोमवार को आतंकियों द्वारा घात लगाकर हमले में भी पांच सैनिक शहीद हो गए थे। 

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