Army Helicopter Crash : अंतिम चरण में पहुंची रणजीत सागर झील में पायलट व को-पायलट की तलाश
Army Helicopter Crash पठानकोट के ममून से उड़ान भरने वाले हेलीकाप्टर के पायलेट लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सिंह व सह पायलेट कैप्टन जयंत जाेशी की तलाश के लिए अभियान चला रही नेवी के टीम में 2 अधिकारी 2 जेसीओ व 24 जवान शामिल हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू संभाग के कठुआ जिले के बसोहली इलाके में रणजीत सागर डैम की झील में दो अगस्त को दुर्घटनाग्रस्त हुए सेना के एडवांस लाइट हेलीकाप्टर के दो पायलेटों की तलाश का अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है। गहरे पानी, अंधेरे में दूर रात तक मलबे में छिपी वस्तु को रेडियो तरंगों से तलाशने में सक्षम विशेष सोनार के काेची से पहुंचने के बाद झील के 60 वर्ग मीटर हिस्से में 500 फीट की गहराई को खंगालने के लिए सेना ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है।
इस समय देश के विभिन्न हिस्सों से मंगवाए गए आधुनिक उपकरणों की सहायता से सेना के पैरा कमांडोज व अधिक गहराई तक जाने में सक्षम नेवी के मार्कोज कमांडो मुहिम में हिस्सा लेनी वाली अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर अभियान चला रहे हैं। झील 25 किलोमीटर लंबी, आठ किलाेमीटर चौड़ी व 500 फीट गहरी है।
पठानकोट के ममून से उड़ान भरने वाले हेलीकाप्टर के पायलेट लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सिंह व सह पायलेट कैप्टन जयंत जाेशी की तलाश के लिए अभियान चला रही नेवी के टीम में 2 अधिकारी, 2 जेसीओ व 24 जवान शामिल हैं। वहीं सेना के स्पेशल फोर्स के गोताखोरों की टीम में भी 2 अधिकारी, 2 जेसीओ व 24 जवान शामिल हैं।
यह जानकारी देते हुए जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद ने बताया कि इस अभियान में चंडीगढ़़, दिल्ली, मुंबई व कौची से मंगवाए गए मल्टी बीम सोनार, साइड स्केनर्स, रिमोटली आपरेटेड व्हीकल व अंडर वाटर मेनीपूलेटर जैसे आधुनिक उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
बड़े पैमाने पर जारी इस अभियान में आर्मी, नेवी, वायुसेना, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, जम्मू कश्मीर पुलिस, गैर सरकारी संगठन, डैम प्रबंधन व कुछ निजी कंपनियां हिस्सा ले रही है। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस मुहिम में हर संभव सहयोग दिया जा रहा है।
झील के जिस हिस्से को खंगाला जा रहा है, वह अत्याधिक गहरा है, नीचे काफी अंधेरा है, ऐसे में पायलेटों की तलाश के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सोनार व सेसर्स भी प्रभावी तरीक से काम नही कर रहे हैं। ऐसे में केरल के कोची से लाया गया विशेष सोनार काम आएगा।