Army Helicopter Crash: 13 दिन बाद मिला लापता पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल बाथ का शव, दूसरे की तलाश जारी

Army Basholi Helicopter Crash अधिकारियों ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल का शव मिलने के बाद तलाशी अभियान और तेज कर दिया है। भारतीय नौसेना की सबमरीन रेस्क्यू यूनिट दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर और पायलट की तलाश में जुटी हुई है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 08:32 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 09:41 AM (IST)
Army Helicopter Crash: 13 दिन बाद मिला लापता पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल बाथ का शव, दूसरे की तलाश जारी
उम्मीद जताई कि जल्द ही दूसरे पायलट का भी पता लगा लिया जाएगा।

कठुआ, जेएनएन। पिछले 13 दिनों की तलाशी के बाद आखिरकार खोजी दल ने रणजीत सागर बांध में दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय सेना के विमानन कोर केे हेलीकॉप्टर के दो लापता पायलटों में से एक के शव को बरामद कर लिया है। दूसरे पायलट की खोज अभी भी जारी है। खोजी दल का कहना है कि दूसरे पायलट का शव भी आसपास ही मौजूद होगा। जल्द ही उसे भी ढूंढ निकाला जाएगा।

खोजी दल ने जिस शव को रणजीत सागर बांध से निकाला है वह लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाथ का है। खोजी दल ने कहा कि बाथ का शव मिलने के बाद उन्हाेंने आसपास दूसरे पायलट को भी ढूंढा परंतु वह नहीं दिखे। हो सकता है कि पानी के बहाव के कारण वह कहीं दूर चले गए हों। तलाश जारी है, जल्द ही दूसरे पायलट का शव भी ढूंढ निकाला जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल का शव मिलने के बाद तलाशी अभियान और तेज कर दिया है। भारतीय नौसेना की सबमरीन रेस्क्यू यूनिट दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर और पायलट की तलाश में जुटी हुई है। भारतीय वायु सेना ने अभियान में तेजी लाने के लिए विशाखापत्तनम से पठानकोट तक भारी उपकरण लाए हैं, जो 80 से 100 फीट की गहराई तक जाकर हेलीकाप्टर व पायलट की निरंतर खोज में जुटे हुए हैं।

आपको जानकारी हो कि सेना का ध्रुव एएलएच मार्क-4 हेलीकाप्टर गत तीन अगस्त को सुबह 10:50 बजे दुर्घटनाग्रस्त होकर रणजीत सागर बांध में जा गिरा था। इस हेलीकाप्टर ने पठानकोट से उड़ान भरी थी। इसमें लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाथ और उनके सहयोगी अधिकारी जयंत जोशी सवार थे। करीब 13 दिन बाद यानी 15 अगस्त देर शाम को तलाशी अभियान के दौरान टीम ने झील में दलदल में फंसे लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाथ के शव को बरामद कर लिया।

वहीं बसोहली प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, रणजीत सागर बांध प्राधिकरण और जिला अधिकारी सहित अन्य कई एजेंसियां इस अभियान में जुटी हुई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही दूसरे पायलट का भी पता लगा लिया जाएगा। 

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