Samba में परमवीर को श्रद्धांजलि देने ममून से निकले सेना के साइकिल सवार वीर, बैटल आफ बसंतर के हीरो को याद किया

स्वर्णिम विजय वर्ष में सेना की रायजिंग स्टार कोर के इस अभियान के साइकिल सवार हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होते हुए जम्मू के सांबा में परमवीर चक्र विजेता सैकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के स्मारक पर पहुंचेंगे।वहां उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:12 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:12 PM (IST)
Samba में परमवीर को श्रद्धांजलि देने ममून से निकले सेना के साइकिल सवार वीर, बैटल आफ बसंतर के हीरो को याद किया
साइकिल सवारों का यह दल रास्ते में लोगों को वर्ष 1971 के युद्ध के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के टैंकों को तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता सैकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल को जम्मू संभाग के सांबा में श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के साइकिल सवारों का दल शुक्रवार को पठानकोट के ममून कैंटोनमेंट से रवाना हुआ। स्वर्णिम विजय वर्ष में सेना की रायजिंग स्टार कोर के इस अभियान के साइकिल सवार हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होते हुए जम्मू के सांबा में परमवीर चक्र विजेता सैकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के स्मारक पर पहुंचेंगे।

बैटल आफ बसंतर के हीरो अरुण खेत्रपाल ने सांबा के बसंतर में युद्ध के दौरान अपने टैंक में आग लगने के बाद भी दुश्मन के कई टैंककों को तबाह किया था। जलते हुए टैंक से जान बचाने के बजाय उन्होंने अपना टैंक दुश्मन के टैंक से टकरा कर उसे तबाह करते हुए वीरगति पाई थी।

साइकिल सवारों का यह दल रास्ते में लोगों को वर्ष 1971 के युद्ध के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताएगा। इस दौरान युवाओं को सेना में भर्ती होने को प्रेरित करने के लिए उन्हें यह बताया जाएगा कि किस तरह से भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर उसके 93 हजार सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाया था। इस युद्ध से बांग्लादेश आजाद देश बन गया था।

शुक्रवार को सेना की रायजिंग स्टार के ममून कैंट में आयोजित कार्यक्रम में असम के पूर्व राज्यपाल व सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने दस सदस्यीय साइकिल सवारों के दल को अभियान पर रवाना किया। लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने वर्ष 1971 के युद्ध में हिस्सा लेकर बहादुरी दिखाई थी। ममून कैंट में पूर्व उपराज्यपाल के साथ सेना की रायजिंग स्टार कोर के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे। सेना की रायजिंग स्टार जम्मू संभाग में 192 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल के पीछे दूसरी पंक्ति में तैनात है। सांबा से जम्मू तक आइबी की सुरक्षा का जिम्मा सेना की टाइगर डिवीजन के पास है।

पाकिस्तान की टैंक रेजीमेंट ने सांबा सेक्टर पर हमला किया था : दिसंबर 1971 के भारत-पाकिस्तान में युद्ध के दौरान पाकिस्तान की टैंक रेजीमेंट ने सांबा सेक्टर पर हमला किया तो उनका सामना भारतीय सेना की टैंक रेजीमेंट से हो गया। इस दौरान लड़ाई में खेत्रपाल के टैंक को आग लग गई। उन्होंने वायरलैस पर इसकी सूचना देने के बाद टैंक छोड़ने के निर्देशों को नजरअंदाज कर यह कहते हुए दुश्मन पर प्रहार जारी रखे कि टैंक की तोप काम कर रही है।

दुश्मन के इलाके में टैंकाें द्वारा घेर लेने के बाद भी गाेले दाग कर कई टैंक तबाह करने वाले परमवीर ने अपने टैंक के आग में घिर जाने के बाद इसे दुश्मन के टैंक से टकरा कर उसे तबाह कर दिया। पाकिस्तान ने युद्ध खत्म होने के बाद 17 दिसंबर को अरुण खेत्रपाल का पार्थिव शरीर व टैंक लौटाया था। उनका अंतिम संस्कार सांबा के बसंतर में करने के बाद अस्थियां घर भेजी गई थी।

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