Kashmir: आज रिहा किए जा सकते हैं APHC चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक

मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने एहितयात के तौर पर नजरबंद किया था। करीब तीन माह बाद उनकी नजरबंदी को कथित तौर पर समाप्त कर दिया गया था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:52 AM (IST)
Kashmir: आज रिहा किए जा सकते हैं APHC चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक
वह डाऊन-टाऊन स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद में भी नमाज-ए-जुम्मा के लिए आ सकते हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। घाटी में लगातार सुधरते हालात और बहाल होती राजनीतिक गतिविधियों के बीच केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश सरकार ने ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की नजरबंदी भी समाप्त करने का फैसला किया है। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर उन्हें आज बुधवार काे रिहा किया जा सकता है। वह पांच मार्च को नमाज-ए-जुम्मा अदा करने एतिहासिक जामिया मस्जिद भी जा सकते हैं।

मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने एहितयात के तौर पर नजरबंद किया था। करीब तीन माह बाद उनकी नजरबंदी को कथित तौर पर समाप्त कर दिया गया था। इसके बावजूद वह अपने घर से नहीं निकले। उन्होंने अपनी नजरबंदी का हवाला दिया जिसका जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कई बार खंडन भी किया।

इस बीच, वह कथित तौर पर कश्मीर से बाहर भी गुपचुप तरीके से एक यात्रा कर आए। बीते साल प्रशासन ने वादी में डीडीसी चुनावों के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने क लिए एहतियात के तौर पर उन्हें एक बार फिर तथाकथित तौर पर नजरबंद कर दिया।

मीरवाइज मौलवी उमर फारुक ने हालांकि अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में अपने घर से बाहर सार्वजनिक तौर पर किसी भी राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन अपने घर पर वह हुर्रियत नेताओं की बैठकों का आयोजन करते रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न मजहबी संगठनों के साथ भी उनकी बैठकें हुई हैं।

राज्य पुलिस ने हालांकि उनकी नजरबंदी के मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार किया है, लेकिन संबधित सूत्रों ने बताया कि वह मीरवाइज मौलवी उमर फारुक आज बुधवार को अपने घर में एक बैठक भी कर रहे हैं। उन्हें औपचारिक रुप से नजरबंदी से मुक्त कर दिया जाएगा। शुक्रवार को वह डाऊन-टाऊन स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद में भी नमाज-ए-जुम्मा के लिए आ सकते हैं। 

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