Jammu Kashmir: सुरक्षाबलों का पुंछ के भाटा धुरियां में आतंक पर प्रहार जारी, आतंकियों को पनाह देने वाले 20 लोग गिरफ्तार

भाटा धुरियां के जंगलों में आतंकियों के खात्मे के लिए जारी सुरक्षाबलों के अभियान में अभी तक दो जेसीओ सहित तीन सैनिक शहीद हो चुके हैं जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो जवान सहित सेना का एक जवान घायल भी हुआ है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:39 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:12 PM (IST)
Jammu Kashmir: सुरक्षाबलों का पुंछ के भाटा धुरियां में आतंक पर प्रहार जारी, आतंकियों को पनाह देने वाले 20 लोग गिरफ्तार
आतंकियों के सफाए के लिए भारतीय सेना का अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ जारी आपरेशन 20वें दिन भी जारी रहा।

जम्मू, जेएनएन। पुंछ के भाटा धुरियां के जंगलों में पाकिस्तान की ओर से भेजे गए आतंकियों के सफाए के लिए भारतीय सेना का अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ जारी आपरेशन 20वें दिन भी जारी रहा। घने जंगलों में छिपे आतंकियों की तलाश के लिए यहां एक ओर सुरक्षाबलों द्वारा ड्रोन की मदद ली जा रही है तो वहीं आतंकियों को पनाह देने वालों को भी भी नहीं बख्शा जा रहा है। सुरक्षाबलों ने आज यानि वीरवार को आतंकियों को शरण देने के आरोप में तीन स्थानीय लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसे मिलाकर अब तक कुल 20 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वीरवार को सुरक्षाबलों को पुंछ जिला के मेंढर तहसील के भाटा धुरियां के जंगलों में आतंकियों की धरपकड़ के लिए जारी तलाशी अभियान के दौरान क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों के आतंकियों को शरण देने के कई सबूत मिले। इसी को आधार बनाते हुए आज तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें दो सगे भाई बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी इनकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। कुल मिलाकर अभी तक सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में आतंकियों को शरण देने के आरोप में 20 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि भाटा धुरियां के जंगलों में आतंकियों के खात्मे के लिए जारी सुरक्षाबलों के अभियान में अभी तक दो जेसीओ सहित तीन सैनिक शहीद हो चुके हैं जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो जवान सहित सेना का एक जवान घायल भी हुआ है। सेना का आतंक के खिलाफ जारी अभियान गत 8 अक्टूबर से जारी है। सुरक्षाबलों ने इस दौरान गांव में रहने वाले स्थानीय लोगों को मवेशियों को चराने के लिए जंगल में भी साफतौर पर जाने से मना किया है। सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में मस्जिदों और लाउड स्पीकर के माध्यम से भी स्थानीय नागरिकों को आने वाले कुछ दिनों तक जंगल में नहीं जाने की सलाह दी है।

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