Amshipora Encounter: अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ में दो स्थानीय लोग गिरफ्तार, हत्या की साजिश रचने का आरोप
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गत सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए यह विश्वास दिलाया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जा रही है। राजौरी से लापता युवकों और मुठभेड़ में मारे गए कथित आतंकवादियों के डीएनए परिजनों से मेल खा चुके हैं।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू कश्मीर पुलिस ने कथित अमशीपोरा शोपियां फर्जी मुठभेड़ मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी ने मामले को नया मोड़ दिया है। पुलिस ने दोनों व्यक्तियों को हत्या की साजिश रचने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए गए दोनों व्यक्ति चौगाम शोपियां और निकस अराबल पुलवामा के रहने वाले बताए जाते हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए दोनों स्थानीय लोगों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की छानबीन शुरू कर दी है। यह भी बताया जा रहा है कि इन दोनों से अमशीपोरा मुठभेड़ के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इन दोनों आरोपितयों को इस मुठभेड़ का अहम सुराग बताया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि इनसे पूछताछ के बाद कई अहम बाते सामने आ सकती हैं, जो अमशीपोरा मुठभेड़ की सच्चाई सामने लाने में मददगार साबित होगी।
आपको जानकारी हो कि पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गत सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए यह विश्वास दिलाया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जा रही है। राजौरी से लापता युवकों और मुठभेड़ में मारे गए कथित आतंकवादियों के डीएनए परिजनों से मेल खा चुके हैं। यह तो स्पष्ट हो गया कि ये तीनों युवक राजौरी के लापता श्रमिक ही हैं।
इससे अमशीपोरा शोपियां मुठभेड़ की जांच के लिए सेना द्वारा गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी इस नतीजे पर पहुंची है कि गोलीबारी में शामिल आर्मी यूनिट ने सशस्त्र बलों के विशेष अधिकार अधिनियम, सेना के आचरण नियम और विशेष परिचालन प्रक्रिया के तमाम दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी मंजूरी दी थी।