अमित शाह बोले- कश्मीर के युवा गुमराह होने से बचें, दुश्मन ताकतों का एकजुट होकर दें जवाब

पूरे भाषण में उन्होंने पाकिस्तान का नाम सिर्फ एक बार लिया। उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद और इससे हुए नुकसान पर कई तीखे सवाल भी किए और पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लंबे समय के लिए कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाओं को बंद किए जाने पर भी स्पष्टीकरण दिया।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:03 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:03 PM (IST)
अमित शाह बोले- कश्मीर के युवा गुमराह होने से बचें, दुश्मन ताकतों का एकजुट होकर दें जवाब
अमित शाह ने कहा कि कोई भी परिवर्तन युवाओं के बिना संभव नहीं है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कश्मीर में सुख-शांति-सुरक्षा-समृद्धि और लोकतंत्र की बहाली के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन को पूरा करने के लिए स्थानीय युवाओं से सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर के युवाओं से दोस्ती करने आया हूं। कश्मीर में विकास की जो यात्रा शुरू हुई, उसमें युवाओं को सहयात्री बनाने आया हूं। कुदरत ने कश्मीर को स्वर्ग बनाया है, इसलिए कश्मीर के युवा गुमराह होने से बचें, कश्मीर की दुश्मन ताकतों का एकजुट होकर जवाब दें। हम किसी को जम्मू कश्मीर के विकास में खलल नहीं डालने देंगे, जो ऐसा करेगा, उससे हम सख्ती से निपटेंगे। इसके साथ शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में परिसिमन का कार्य जल्द पूरा होगा और उसके बाद राज्य का दर्जा भी बहाल किया जाएगा।

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के लगभग दो वर्ष बाद पहली बार प्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को श्रीनगर में शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में प्रदेश में स्थापित 4500 युवा क्लबों के सदस्यों को संबोधित किया। करीब 40 मिनट के अपने संबोधन में उन्होंने पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को निशाना जरूर बनाया, लेकिन किसी का नाम नहीं लिया।

पूरे भाषण में उन्होंने पाकिस्तान का नाम सिर्फ एक बार लिया। उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद और इससे हुए नुकसान पर कई तीखे सवाल भी किए और पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लंबे समय के लिए कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाओं को बंद किए जाने पर भी स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने केंद्रीय योजनाओं को लेकर जम्मू कश्मीर में बीते दो साल की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। अलबत्ता, उन्होंने अपना पूरा भाषण युवाओं और जम्मू कश्मीर में शांति, विकास और सुरक्षा के मुद्दों पर ही केंद्रित रखा।

पाकिस्तान की बात करने वालों का मैं जवाब नहीं देना चाहता :

गृह मंत्री ने कहा कि मैं पाकिस्तान की बात करने वालों को जवाब नहीं देना चाहता, क्योंकि मैं यहां कश्मीर के युवाओं से बात करने आया हूं। मैं कश्मीर के युवा साथियों को बताने आया हूं कि मोदी सरकार आपके लिए कई योजनाएं लाई है। इन योजनाओं को आप लाभ लें।

गायब हो गए हैं पत्थरबाज, युवा को बनाएं शांति का राजदूत :

अमित शाह ने कहा कि कोई भी परिवर्तन युवाओं के बिना संभव नहीं है। युवा ही परिवर्तन के वाहक होते हैं। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने एक नए जम्मू कश्मीर की रचना की शुरुआत की है। इसका असर हो रहा है। मैंने यहां विभिन्न युवा क्लबों के विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों से जुड़े युवाओं से बातचीत की है। मैं हैरान हूं कि आज कश्मीर का युवा विकास, रोजगार, कौशल विकास, शिक्षा की बात करता है, पथराव की बात नहीं करता। यह कितना बड़ा बदलाव हुआ है। पत्थरबाज गायब हो गए हैं। हमारी कश्मीर की 70 फीसद आबादी 35 साल से नीचे की है। अगर इस 70 फीसद आबादी को हौसला दिया जाए, विकास का अवसर दिया जाए, उसकी पढ़ाई-लिखाई की चिंता की जाए और उसे अगर कश्मीर की शांति का राजदूत बनाया जातए तो कश्मीर की शांति में कोई खलल नहीं डाल सकता। 

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