Jammu Kashmir: आतंकवाद का समूल नाश और राष्ट्रद्रोहियों के नेटवर्क को करें ध्वस्त : अमित शाह
करीब साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में गृह मंत्री ने तथाकथित तौर पर बिना किसी लाग लपेट सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि अगर आतंकी अपनी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं तो उसमें कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था की खामियां भी जिम्मेदार हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कश्मीर में आम नागरिकों विशेषकर अल्पसंख्यकों की हत्याओंं, स्थानीय युवाओं में धर्मांध जिहादी मानसिकता और आतंकी हिंसा की ताजा घटनाओं पर संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया। शाह ने सुरक्षा व्यवस्था में तथाकथित खामियों पर भी कड़ा एतराज जताया। उन्होंने आतंकवाद के समूल नाश और राष्ट्रद्रोहियों के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के निर्देश दिए।
अमित शाह ने जम्मू कश्मीर एकीकृत मुख्यालय की बैठक मेंं प्रदेश के समग्र सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लिया। इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृहसचिव, उत्तरी कमान के प्रमुख, नगरोटा चिनार कोर के कमांडर, जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सीआरपीएफ के महानिदेशक के अलावा बीएसएफ, सीआइएसएफ, एसएसबी और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के आलाधिकारी मौजूद रहे।
करीब साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में गृह मंत्री ने तथाकथित तौर पर बिना किसी लाग लपेट सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि अगर आतंकी अपनी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं तो उसमें कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था की खामियां भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने सुरक्षा तंत्र की नियमित समीक्षा कर उसे मजबूत बनाने पर जोर देते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियां, अल्पसंख्यकों की हत्या, घुसपैठ, युवाओं में धर्मांध जिहादी मानसिकता की प्रवृत्ति के कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास नहीं होना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने आतंकियों की भर्ती, पुंछ जैसी लंबी मुठभेड़ों पर भी सवाल उठाए।
बैठक में चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय, जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर के समग्र हालात पर अपनी अलग-अलग प्रस्तुति में टार्गेट किलिंग, आतंकरोधी अभियानों, घुसपैठ, आतंकी भर्ती, जनता जुड़ाव के कार्यक्रमों के असर, ओवरग्राउंड वर्करों की धरपकड़ संंबंधी मुद््दों पर विस्तार से रोशनी डाली। इन सभी ने वादी में खुफिया तंत्र को और मजबूत बनाने के लिए कुछ नए प्रबंध किए जाने का सुझाव देते हुए ओवरग्राउंड नेटवर्क को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने, व्हाइट कालर टेरेरिस्ट को बेनकाब करने व उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने, सरकारी तंत्र में बैठे राष्ट्रविरोधी तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की कार्ययोजना का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने वादी में पकड़े गए आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों से पूछताछ के आधार पर तैयार रिपोर्ट से गृह मंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि आतंकी संगठन इस समय पूरी तरह दबाव में हैं, वह हथियार, पैसे और कैडर की कमी से जूझ रहे हैं।
गृह मंत्री को नए आतंकी संगठनों की भी दी जानकारी :
बैठक में अधिकारियों ने टीआरएफ, पीएएफएफ, गजनवी फोस, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, कश्मीर टाइगर्स जैसे नए संगठनों का जिक्र करते हुए इनकी गतिविधियों का भी उल्लेख किया। इसके साथ उन्होंने वादी में विभिन्न स्थानों पर फिर से बंकर स्थापित करने, सुरक्षाबलों के शिविर बनाने व गश्त बढ़ाए जाने के साथ ही अल्पसंख्यकों और बाहरी श्रमिकों की आबादी वाले इलाकों के लिए एक विशेष सुरक्षा चक्र तैयार करने की अपनी योजना से भी गृह मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आतंकी गतिविधियों और कुछ नए आतंकी संगठनों के बनने के बावजूद नए आतंकियों की भर्ती में कमी है और यह विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चलाए गए युवा जुड़ाव कार्यक्रम का नतीजा है। इसके साथ ही आतिकयों को जिंदा पकडऩे व उन्हें आत्मसमर्पण का मौका दिए जाने की रणनीति भी आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। इससे कई अभिभावक अपने बच्चों को आत्मसमर्पण के लिए मनाने को उत्साहित हुए हैं।