Gharana Wetland : ग्रामीणों के विरोध के बीच घराना वेटलैंड के लिए 408 कनाल भूमि की तारबंदी

सरपंच ने कहा कि जब यह मामला कोर्ट में चल रहा है तो कैसे कोई सरकार जबरन भूमि अधिग्रहण कर सकती है। उन्होंने कहा कि वे ज्यादा मुआवजा नहीं चाहते हैं। उनकी मांग है कि यदि सरकार जमीन लेना ही चाहती है तो उन्हें जमीन के बदले जमीन दी जाए।

By Edited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:01 AM (IST)
Gharana Wetland : ग्रामीणों के विरोध के बीच घराना वेटलैंड के लिए 408 कनाल भूमि की तारबंदी
प्रशासन पुलिस के बल पर लोगों की आवाज को दबा रहा है। इसे सहन नहीं किया जाएगा।

संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : घराना गांव में वेटलैंड के विस्तार के लिए वीरवार को भूमि अधिग्रहण करने पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम का ग्रामीणों ने भारी विरोध किया। हालांकि भारी पुलिसबल मौजूद रहने से राजस्व विभाग की टीम ने कुल 408 कनाल 17 मरला भूमि अधिग्रहण का काम कर लिया, जिसके बाद वहां तारबंदी कर दी गई।

इस मौके पर एडीसी जम्मू घनश्याम ¨सह के साथ कई पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सुचेतगढ़ के जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य सरदार तरनजीत सिंह टोनी समेत 16 लोगों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। वीरवार को घराना गांव में हुए ग्रामीणों के प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए टोनी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बावजूद प्रशासन पुलिस के बल पर लोगों की आवाज को दबा रहा है। इसे सहन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पुलिस उनको गिरफ्तार कर लोगों की आवाज नहीं दबा सकती है। टोनी ने कहा कि प्रशासन ने बिना लोगों की रजामंदी के उनकी जमीन में पिलर लगवाकर तारबंदी कर दी। यदि जल्द इसे नहीं हटाया गया तो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने डीडीसी सदस्य तरनजीत सिंह टोनी और ग्रामीणों को बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वे नहीं माने तो तरनजीत सिंह टोनी समेत 16 लोगों को हिरासत में लेकर प्रदर्शन खत्म करवाया। वहीं, मौके पर मौजूद जिला वन अधिकारी (डीएफओ) के अनुसार सरकार के निर्देश पर ही भूमि पर तारबंदी की जा रही है।

जिन किसानों की भूमि ली जाएगी उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। बताया गया है कि वेटलैंड की हदबंदी का काम कोर्ट के निर्देश के बाद किया गया है। सुचेतगढ़ के डीडीसी सदस्य तरनजीत सिंह टोनी ने बताया कि जम्मू के डिविजनल कमिश्नर डा. राघव लंगर ने शुक्रवार को दोपहर बाद साढ़े चार बजे इस मामले में बातचीत करने के लिए बुलाया है। टोनी ने कहा कि वे डिवकाम को मामले से अवगत करवाएंगे। उम्मीद है कि इसका कोई हल निकाला जा सके।

टोनी को हिरासत में लेने पर ग्रामीणों ने दलजीत चौक पर जाम की सड़क प्रदर्शन को खत्म करवाने के लिए पुलिस डीडीसी सदस्य तरनजीत सिंह टोनी समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर आरएसपुरा थाने ले गई। इसके बाद घराना के ग्रामीण भी ट्रैक्टर ट्रालियों से आरएसपुरा पहुंचे और दलजीत चौक पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे यातायात ठप हो गया। इससे वहां लंबा जाम लग गया। ऐसे में पुलिस को यातायात बहाल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वे नहीं माने तो हल्का बल प्रयोग कर लोगों को वहां से हटाकर सड़क को यातायात के लिए खोल दिया गया। 'प्रवासी प¨रदों के लिए ग्रामीणों को उजाड़ रही सरकार' घराना के सरपंच गुरुदयाल ¨सह, ग्रामीण मित्तल चौधरी आदि ने कहा कि सरकार प्रवासी प¨रदों के लिए किसानों को उजाड़ने का काम कर रही है।

सरपंच ने कहा कि जब यह मामला कोर्ट में चल रहा है तो कैसे कोई सरकार जबरन भूमि अधिग्रहण कर सकती है। उन्होंने कहा कि वे ज्यादा मुआवजा नहीं चाहते हैं। उनकी मांग है कि यदि सरकार जमीन लेना ही चाहती है तो उन्हें जमीन के बदले जमीन दी जाए। सरपंच ने कहा कि यदि सरकार ने उनके साथ इंसाफ नहीं किया तो वे अपना धरना-प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने उपराज्यपाल से ज्यादा मुआवजा जारी करवाने की मांग की प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना था कि वर्ष 2017 में भी प्रसाशन ने भूमि अधिग्रहण का प्रयास किया गया था, जिसके बाद वे कोर्ट की शरण में चले गए थे। तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बावजूद प्रशासन जबरन किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर रहा है। इतने पर भी किसानों को मुआवजा भी बहुत कम दिया जा रहा है।

किसानों के मुताबिक, सरकार प्रति कनाल उन्हें 3.45 लाख रुपये प्रति कनाल की दर से मुआवजा दे रही है, जो बहुत कम है। वे 15 लाख रुपये प्रति कनाल की दर से मुआवजा जारी करने की मांग कर रहे हैं। विरोध के बाद भी तारबंदी हो जाने पर ग्रामीणों ने इस मामले में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप करने की मांग की है। कुछ साल पहले घराना वेटलैंड के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। अब प्रशासन ने वन विभाग के साथ मिलकर भूमि पर तारबंदी कर दी है। जिन किसानों की भूमि ली जाएगी, उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। घराना वेटलैंड पर्यटन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके विस्तार के लिए काफी पहले नोटिफिकेशन जारी कर दी गई थी। अब यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। -घनश्याम सिंह, अतिरिक्त जिलाधीश

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