Amarnath Yatra 2021: अमरनाथ यात्रा पर कोरोना संकट गहराया, रद हो सकती है वार्षिक यात्रा

पिछले साल भी यह तीर्थयात्रा कोरोना संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर रद कर दी गई थी। वर्ष 2019 में यह तीर्थयात्रा 31 जुलाई को आतंकी हमले की आंशका के चलते चार दिन के लिए स्थगित की गई। फिर पांच अगस्त को इसे रद कर दिया गया था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:42 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:10 AM (IST)
Amarnath Yatra 2021: अमरनाथ यात्रा पर कोरोना संकट गहराया, रद हो सकती है वार्षिक यात्रा
पवित्र गुफा के आस-पास अभी तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोई ढांचा भी तैयार नहीं किया गया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2021 पर एक बार फिर कोरोना का संकट गहरा गया है। संबधित प्रशासन इसे आम श्रद्धालुओं के लिए रद करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

ऐसी स्थिति में पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि ही सनातन परंपराओं के मुताबिक पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी की वार्षिक पूजा के लिए छड़ी मुबारक संग जा सकेंगे। बीते साल भी वह कुछ चुनिंदा साधुओं संग पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा के मुख्य पूजन के लिए गए थे। अलबत्ता, अंतिम फैसला उपराज्यपाल मनाेज सिन्हा की अध्यक्षता में होने वाली श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में ही लिया जाएगा। बोर्ड के कुछ सदस्यों के अलावा प्रदेश प्रशासन का एक वर्ग हैलीकाप्टर के जरिए सीमित संख्या में श्रद्धालुओं काे पवित्र गुफा के दर्शन करने की अनुमति देने पर जोर दे रहा है।

श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2021 के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण पहली अप्रैल को शुरु किया गया था। देश के विभिन्न हिस्सों की तरह प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 22 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था। इस वर्ष यह तीर्थयात्रा 28 जून को शुरु होनी है। 22 अगस्त का रक्षाबंधन की सुबह श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर यह यात्रा संपन्न होगी।

पिछले साल भी यह तीर्थयात्रा कोरोना संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर रद कर दी गई थी। वर्ष 2019 में यह तीर्थयात्रा 31 जुलाई को आतंकी हमले की आंशका के चलते चार दिन के लिए स्थगित की गई। फिर पांच अगस्त को इसे रद कर दिया गया था। इस दौरान सिर्फ महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में पवित्र छड़ी मुबारक ही भगवान अमरेश्वर की पूजा के लिए रक्षाबंधन के दिन पवित्र गुफा मे गई थी।

संबधित सूत्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रदेश सरकार श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा को आम श्रद्धालुओं के लिए रद करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस विषय में संबधित लोेगों के साथ लगातार विचार-विमर्श चल रहा है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के साथ भी संवाद किया जा रहा है। पवित्र गुफा के आस-पास अभी तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोई ढांचा भी तैयार नहीं किया गया है।

अलबत्ता, सुरक्षाबलों का एक दस्ता रैकी के लिए जरुर पवित्र गुफा तक गया है। इसके अलावा पहलगाम-चंदनबाड़ी-शेषनाग-पवित्र गुफा मार्ग की सफाई भी नहीं हुई है। इस रास्ते पर कई जगह अभी भी बर्फ की मोटी चादर है। उस पर न पैदल चला जा सकता है और न घोड़े अथवा पालकी में सवारी कर यात्रा की जा सकती है। बर्फ हटाने और रास्ता तैयार करने के लिए कम से कम एक माह का समय चाहिए। इसके विपरीत बालटाल मार्ग पर स्थिति कुछ बेहतर है। 

उन्होंने बताया कि बोर्ड के कुछ सदस्य और प्रदेश प्रशासन से जुड़े एक वर्ग विशेष ने श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा को पूरी तरह रद नहीं करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस संदर्भ में कोई भी अंतिम फैसला लेने से पूर्व अभी कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए। इनके मुताबिक, जून के मध्य तक कोरोना संक्रमण की लहर में कमी आ सकती है। उसके बाद सीमित संख्या में हैलीकाप्टर के जरिए श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा के दर्शनों की अनुमति देने के विकल्प को अपनाया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड तीर्थ यात्रा को लेकर सभी संबधित मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में अगले कुछ दिनों में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की एक बैठक होने जा रही है, इसमें तीर्थयात्रा को आम श्रद्धालुओं के लिए रद किए जाने का फैसला लिया जा सकता है।

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