...तो मेडिकल कालेजों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा; अनंतनाग जीएमसी के प्रिंसिपल का हुआ तबादला-डोडा प्रिंसिपल ने मांगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

Health Facilities In GMC Jammu Kashmir प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्थायी नियुक्तियां नहीं होती। इस समय जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन के अलावा अब डा. तारिक सैयद कुरैशी को भी प्रिंसिपल का कार्यभार सौंपा गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:46 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:46 AM (IST)
...तो मेडिकल कालेजों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा; अनंतनाग जीएमसी के प्रिंसिपल का हुआ तबादला-डोडा प्रिंसिपल ने मांगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
राजकीय मेडिकल कालेज (जीएमसी) अनंतनाग के प्रिंसिपल और जिला प्रशासन के बीच तकरार चल रही थी।

जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका रही है, लेकिन इन दिनों कुछ मेडिकल कालेजों में सब सामान्य नहीं चल रहा है। अनंतनाग मेडिकल कालेज के ङ्क्षप्रसिपल को एक विवाद के बाद बदल दिया गया है। वहीं, डोडा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल ने भी निजी कारणों का हवाला देते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दे दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राजकीय मेडिकल कालेज (जीएमसी) अनंतनाग के प्रिंसिपल और जिला प्रशासन के बीच तकरार चल रही थी। यह तकरार उस समय शुरू हुई जब जिला प्रशासन को इस मेडिकल कालेज में कुछ डाक्टरों के ड्यूटी से गायब रहने की शिकायतें मिलना शुरू हुईं। जिला प्रशासन ने मेडिकल कालेज में जांच टीम भेजी थी। इसके बाद तकरार शुरू हो गई। 14 जून को जिला उपायुक्त डा. पीयूष सिंगला ने कालेज के ङ्क्षप्रसिपल को निर्देश दिए हैं कि वे सभी डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की हाजिरी की निगरानी करें। यही नहीं, यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ रोस्टर के लिहाज से ही ड्यूटी दें। उन्होंने नियमित तौर पर स्टाफ की हाजिरी उनके कार्यालय में भी भेजने को कहा था।

इस दौरान अतिरिक्त जिला उपायुक्त गुलाम हसन शेख की अध्यक्षता में टीम भी मेडिकल कालेज में जांच करने के लिए पहुंच गई। इसके अगले दिन ही जीएमसी के तत्कालीन प्रिंसिपल डा. शौकत जिलानी ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर जिला प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई। उन्होंने पत्र में यह तक लिखा कि जिला प्रशासन ने छोटी सी शिकायत पर एक टीम जांच के लिए भेज दी और मुझे जानकारी तक नहीं दी। उन्होंने इसे मेडिकल कालेज के कामकाज में हस्तक्षेप बताया। उन्होंने यह भी लिखा कि कालेज खुले अभी दो वर्ष ही हुए हैं। कालेज बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर उचित कदम उठाने को आग्रह किया, लेकिन हुआ इसके विपरीत।

वहीं, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डा. शौकत जिलानी का तबादला कर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का तकनीकी सचिव बना दिया। उनकी जगह मेडिकल कालेज श्रीनगर में नेत्र रोग विभाग के एचओडी डा. तारिक सैयद कुरैशी को अनंतनाग मेडिकल कालेज के ङ्क्षप्रसिपल का अस्थायी तौर पर कार्यभार सौंप दिया गया। सूत्रों का कहना है कि इससे चिकित्सा शिक्षा विभाग में रोष है।

डोडा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. दिनेश कुमार ने भी निजी कारणों का हवाला देकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन है। डा. दिनेश कई वर्षों तक राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन विभाग के एचओडी रहे हैं। इससे पहले से ही फैकल्टी की कमी का सामना कर रहे डोडा मेडिकल कालेज को एक और झटका लगा है।

पहले भी हुई है तकनीकी सचिव के पद पर नियुक्ति: स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में तकनीकी सचिव का पद नहीं था, लेकिन पिछले वर्ष जब जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल डा. नसीब ढींगरा को हटाया गया तो उन्हें तकनीकी सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया गया। हैरानगी की बात यह थी कि उनका वेतन प्रिंसिपल जीएमसी के पद से ही निकलता था। अब अनंतनाग के प्रिंसिपल को भी इसी पद पर नियुक्त किया गया है। उनका वेतन भी प्रिंसिपल के पद से ही निकाला जाएगा।

नहीं होती स्थायी नियुक्तियां: प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्थायी नियुक्तियां नहीं होती। इस समय जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन के अलावा अब डा. तारिक सैयद कुरैशी को भी प्रिंसिपल का कार्यभार सौंपा गया है। स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. रेनू शर्मा को भी अभी तक स्थायी नहीं किया गया है। जीएमसी और सहायक अस्पतालों के छह में से चार मेडिकल सुपरिंटेंडेंट भी इंचार्ज है। सिर्फ सुपर स्पेशियलिटी और एसएमजीएस अस्पतालों में ही स्थायी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट हैं। कई मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और बीएमओ भी इंचार्ज हैं।  

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