World Record : अलीम ने नौ मिनट में 159 देशों के बारे में बता बनाया विश्व रिकार्ड

आनलाइन आयोजित प्रतियोगिता में अलीम ने सिर्फ नौ मिनट और 26 सेकेंड में प्रतिभागियों व आयोजकों को दुनिया की जुबानी सैर करवा दी। अलीम ने विश्व के सभी 195 देशों की राजधानियों भूगोल ध्वज नक्शे करंसी बताकर विश्व रिकार्ड बना दिया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 06:57 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 06:57 PM (IST)
World Record  : अलीम ने नौ मिनट में 159 देशों के बारे में बता बनाया विश्व रिकार्ड
आनलाइन प्रतियोगिता में अलीम ने सिर्फ नौ मिनट और 26 सेकेंड में आयोजकों को दुनिया की जुबानी सैर करवा दी।

श्रीनगर, रजिया नूर : उर्दू में एक कहावत है समंदर को कूजे में समेटना। अर्थात असंभव को संभव बना देना। ऐसा श्रीनगर का रहने वाला 10 वर्षीय बालक अमील ने कर दिखाया। आनलाइन आयोजित प्रतियोगिता में अलीम ने सिर्फ नौ मिनट और 26 सेकेंड में प्रतिभागियों व आयोजकों को दुनिया की जुबानी सैर करवा दी। अलीम ने विश्व के सभी 195 देशों की राजधानियों , भूगोल, ध्वज, नक्शे, करंसी बताकर विश्व रिकार्ड बना दिया। होनहार अमील जम्मू कश्मीर का पहला छात्र है, जिसने यह विश्व रिकार्ड अपने नाम कर सबको हैरत में डाल दिया है।

बता दें कि इसी वर्ष 6 मई को दुबई में रह रही भारत की एक 10 वर्षीय बच्ची सारा चिप्पा ने 15 मिनट में विश्वभर के 195 देशों के नाम, उनकी करंसी व राजधानी के बारे में जानकारी देकर विश्व रिकार्ड बनाया था। अलीम के अनुसार, यह उपलब्धि हासिल करने के लिए उसने लगातार तीन वर्षों तक मेहनत की और 6 जून को आनलाइन आयेाजित प्रतियोगिता में हासिल कर ली। जागरण के साथ बातचीत में अपना अनुभव साझा करते हुए अमील ने कहा कि उसकी इस कामयाबी का श्रेय वह अपने माता पिता व मामा को देता है। इंजीनियर बनने के इच्छुक अलीम ने कहा कि वह भविष्य में भी इस तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले वल्र्ड रिकार्ड बनाने का इरादा रखता है।

मामा ने किया प्रोत्साहित : अलीम के अनुसार, उसके मामा जो अमरीका में रहते हैं, ने उसे विभिन्न देशों की मुद्रा,नक्शों व भूगोल के बारे में जानने का शौक पैदा किया। अलीम ने कहा,मैं अकसर छुट्टियों में अपने मामा हिलाल शौरा के पास जाता था, उनके पास विभिन्न देशों की करंसी होती थी, उसे करंसी जमा करने का शौक था। वह न सिर्फ विभिन्न देशों की करंसी जमा करता था बल्कि उन देशों के बारे में जानकारियां भी हासिल करता था। मैं जिस देश की करंसी जमा करता था,उस देश की राजधानी,उसका नक्शा, झंडा के बारे में भी जानकारी हासिल कर उसे मेमोराइज करता था।

इस बारे में जब मेरे घरवालों को पता चला तो उन्होंने मुझे काफी स्पोर्ट किया। मेरे मम्मी पापा पेशे से दोनों इंजीनियर हैं, उनको भी अगर किसी मुल्क की करंसी मिल जाती तो वह मुझे लाकर देते थे। एक दिन मेरे पापा ने कहा कि अगर तुम चाहो तो विश्व को जानने की यह तुम्हारी हाबी विश्व में तुम्हारा नाम रोशन कर सकती है। उसके बाद मैं प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारियों में जुट गया।

लाकडाउन में मिला पर्याप्त समय : विश्व के 195 देशों के बारे में जानकारियां बटोरना काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन कोरोना लाकडाउन ने मेरी बहुत मदद की। स्कूल बंद होने के कारण मुझे पढ़ाई के अलावा अपनी हाबी को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय मिलता था। मैं हर दिन दुनिया को जानने की कोशिश करता था।

फुटबाल व क्रिकेट मैच देखना भी बना मददगार : अलीम ने कहा कि झंडों के बोर में जानकारी हासिल करने में मुझे क्रिकेट व फुटबाल मैचों से काफी मदद मिली। मैं क्रिकेट और फुटबाल का काफी शौकीन हूं। जब भी टीवी पर मैच होते थे, मैं देखता था और मैच के दौरान झंडे लहराए जाते हैं, उनको याद रखता था और फिर उनके बारे में पढ़ता था। अलीम ने कहा कि मुझे किताबें पढऩे का काफी शौक है। खासकर एनसाइक्लोपीडिया को खंगालता रहता हूं। मोबाइल फोन को जरूरत के अनुसार ही इस्तेमाल करता हूं। एनसाइकलोपीडिया से काफी जानकारी मिलती है। प्रतियोगिताओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को एनसाक्लिोपीडिया पढऩा चाहिए।

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