कश्मीर घाटी में हौसले और साहस का ‘एयर शो’, डल झील के ऊपर हैरतअंगेज कलाबाजी से वायुसेना ने दिया दुनिया को संदेश
दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाली डल झील पर जल जमीन और आसमान तक अद्भुत नजारा था। एयर शो का शुभारंभ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के एसकेआइसीसी से किया। वायुसेना की पश्चिमी कमान के एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल बीआर कृष्णा भी मौजूद रहे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : सुखोई जैसे युद्धक विमानों और चिनूक हेलीकाप्टर ने जब श्रीनगर की डल झील के ऊपर हैरतअंगेज कलाबाजी की तो पूरी दुनिया को संदेश गया कि भारतीय वायुसेना के हौसले आसमान से भी ऊंचे हैं। कश्मीर में 14 साल बाद और श्रीनगर में हुए पहले एयर शो ने वायुसेना के अदम्य साहस से दर्शकों को रूबरू कराया। कश्मीर में वायुसेना का यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था। वायुसेना के जांबाजों के हुनर को हजारों दर्शक एक घंटे तक सांसें रोक देखते रहे। इसका आयोजन श्रीनगर स्थित वायुसेना स्टेशन ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत किया था।
दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाली डल झील पर जल, जमीन और आसमान तक अद्भुत नजारा था। एयर शो का शुभारंभ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के एसकेआइसीसी से किया। एयर शो में वायुसेना की पश्चिमी कमान के एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल बीआर कृष्णा भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम की थीम गिव विंग्स टू योर ड्रीम्स (अपने सपनों को पंख लगाओ) थी। इसमें सुखोई एसयू-30 एमकेआइ विमानों ने जहां दुश्मन को तबाह करने की क्षमता का परिचय दिया। वहीं, वायुसेना के सूर्यकिरण विमान दल ने आसमान में हार्ट, तीर, डायमंड, गगनयान व फलक्रम की आकृति बनाने के साथ ही हवा में बैरल रोल कर सबको रोमांच से भर दिया। इसके साथ पैरा मोटर, पैरा हैंग ग्लाइडर का प्रदर्शन भी हुआ।
सबसे पहले वायुसेना के चार पुराने मिग-21 विमान डल झील और दर्शकों के ऊपर से गुजरे। इन्होंने मंच की ओर आते हुए सलामी दी तो पूरा माहौल तालियों से गूंज उठा। इसके बाद भारतीय वायुसेना की आकाशगंगा स्काई डार्इंवग टीम ने करतब दिखाने शुरू कर दिए। पायलटों ने विमान से पैराशूट के सहारे छलांग ला दी। स्क्वाड्रन लीडर आफताब खान की अगुआई में 10 सदस्यीय टीम के योद्धा पैराशूट खोलने से पहले 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से नीचे की तरफ आए। उन्होंने अपने पैराशूट खोलकर आसमान में तिरंगे और वायुसेना के ध्वज के साथ आकाशगंगा टीम के ध्वज को भी लहराया। यह टीम अपने नाम कई अंतरराष्ट्रीय रिकार्ड रखती है। टीम के सदस्य एमआई 17 हेलीकाप्टर से तिरंगा फारमेशन में पैराशूट के सहारे उतरते हुए जमीन पर आए।
सुखोई और सूर्यकिरण दल ने किया रोमांचित
स्काई डाइविंग टीम के बाद तीन सुखोई विमानों ने आसमान में अपनी ताकत और हुनर का प्रदर्शन किया। इन युद्धक विमानों ने धुआं छोड़ते हुए डल झील के ऊपर त्रिशूल की रचना की। इन विमानों ने रिवर्स में भी उड़ान भरी। इसके बाद सूर्य किरण एरोबैटिक डिस्प्ले टीम ने अपने करतब दिखाए।
चिनूक हेलीकाप्टर से डल झील के जल में समुद्र जैसी लहरें
सबसे अंत में चिनूक हेलीकाप्टर आया। इस हेलीकाप्टर ने भी दर्शकों को अपने हुनर से परिचित कराया। चिनूक हेलीकाप्टर ने डल की सतह के बिलकुल करीब आकर झील के पानी में समुद्र जैसी लहरें पैदा कर दीं।
कार्यक्रम का यह था मकसद
एयर शो का मकसद कश्मीर के युवाओं को जागरूक करना था। श्रीनगर के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल एमरान मुसावी ने बताया कि एयर शो देखने पहुंचे दस हजार के करीब लोगों में पांच हजार विद्यार्थी व उनके शिक्षक थे। एयर शो का मकसद युवाओं को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना और कश्मीर के पर्यटन को बढ़ावा देना था। रविवार को छुट्टी का दिन होने से वायुसेना के करतब देखने के लिए हजारों लोग डल के किनारे जमा थे। आसपास के घरों की छतों पर भी लोग एयर शो देख रहे थे। वायुसेना की सिंफनी ऑर्केस्ट्रा टीम ने कार्यक्रम में समा बांधा। इस दौरान वायुसेना के इतिहास को लेकर एक फोटो प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
500 से अधिक शो कर चुकी है सूर्य किरण टीम
श्रीनगर में अपने हैरतअंगेज करतब दिखाने वाली भारतीय वायुसेना सूर्य किरण एरोबैटिक डिस्प्ले टीम देश के 75 शहरों में 500 के करीब एयर शो कर चुकी है। सूर्य किरण टीम ने कुछ साल पहले जम्मू में भी इसी प्रकार के शो में ताकत दिखाई थी। देश के साथ टीम के सदस्य कई अन्य देशों में भी अपने प्रदर्शन से लोगों का मनोरंजन कर चुके हैं। श्रीनगर में प्रदर्शन के दौरान टीम के सदस्यों ने चीन से 30 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरकर दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए। इस दौरान ये विमान कई बार झील के तीस मीटर करीब भी आए। श्रीनगर के लोगों ने चिनूक हेलीकाप्टर को भी पहली बार इतने करीब से देखा। चिनूक हेलीकाप्टर चार चिनार के ऊपर भी उड़े।