Weekly Interview : किसानों को उत्पाद महंगे बेचने के लिए तैयार करना है, दो वर्षों में दोगुनी करनी है किसानों की आमदनी

35 वर्षों से कृषि विभाग में विभिन्न पदों पर रहते हुए कृषि निदेशक का पदभार संभालने वाले केके शर्मा ने कहा कि किसानों की आमदनी को अगले दो वर्षों में दोगुना करने के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगे और चाहेंगे कि किसान अच्छे व्यवसायी भी बनें।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 07:03 PM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 07:03 PM (IST)
Weekly Interview : किसानों को उत्पाद महंगे बेचने के लिए तैयार करना है, दो वर्षों में दोगुनी करनी है किसानों की आमदनी
कृषि निदेशक का पदभार संभालने वाले केके शर्मा ने

साप्ताहिक साक्षात्कार 

जम्मू, जागरण संवाददाता : 35 वर्षों से कृषि विभाग में विभिन्न पदों पर रहते हुए कृषि निदेशक का पदभार संभालने वाले केके शर्मा ने कहा कि किसानों की आमदनी को अगले दो वर्षों में दोगुना करने के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगे और चाहेंगे कि किसान अच्छे व्यवसायी भी बनें। वह जहां चाहें अपनी उपज को बेच सकें। उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है। कृषि निदेशक शर्मा के साथ किसानों के लिए योजनाओं पर दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता अशोक शर्मा ने विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत का अंश-

सवाल : आपके हाथों में किसानों का भविष्य कितना सुरक्षित समझें?

जवाब : मुझे कृषि विभाग में काम करते करीब 35 वर्ष होने लगे हैं। पूरे क्षेत्र के किसानों की परेशानियों से भलिभांति वाकिफ हूं। जिन पदों पर भी रहा, कोशिश रही कि किसान का अधिक से अधिक विकास कर सकूं। अब मेरी पहली प्राथमिकता किसानों की आमदनी को जल्द से जल्द दोगुनी करना है। इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे, पीछे नहीं हटेंगे।

सवाल : क्या इतनी जल्दी जम्मू जैसे क्षेत्र में किसानों की आमदनी दोगुनी कर पाना संभव हो सकेगा?

जवाब : मैं तो साफ कहता हूं कि मात्र कृषि से आमदनी बढ़ाना संभव नहीं है। जरूरी है कि हम खेतीबाड़ी से जुड़ते दूसरे कार्यों पर ध्यान दें। किसानों के लिए आज कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं को किसानों तक तेजी से पहुंचाया जा रहा है। कई तरह के प्रशिक्षण किसानों को दिए जा रहे हैं। सबसे जरूरी है कि किसानों को अधिक से अधिक छोटी-बड़ी मंडियां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। अब तो मुख्य मांगों के किनारे भी किसान मंडियां बनाई जा रही हैं ताकि किसान जब चाहें वहां आकर अपने उत्पाद बेच सकें। जब उपभोक्ता को भी पता होगा कि किसान सीधे आकर वहां अपने उत्पाद बेचते हैं तो लोग भी वहां से खरीदारी करना चाहेंगे।

सवाल : किसानों का उत्पादन बढ़ाने के किस तरह के प्रयास हो रहे हैं?

जवाब : सबसे जरूरी है कि किसानों को अच्छे और रोगरहित बीज मिलें। सिंचाई के साधन उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। किसानों को अपने उत्पाद महंगे बेचने के लिए तैयार किया जा रहा है। किसानों को अति आधुनिक यंत्र सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। किसानों के लिए शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय से मिलकर कार्यशालाओं का आयोजन करवाया जा रहा है।

सवाल : इस समय जम्मू के अधिकतर क्षेत्रों में बंदरों के कारण किसान परेशान हैं, बहुत से किसानों ने तो बंदरों से परेशान होकर खेतीबाड़ी ही छोड़ दी है?

जवाब : इस समय बंदरों के कारण जम्मू में 30 हजार हेक्टेयर भूमि को नुकसान हुआ है। इसके विभिन्न संबंधित विभागों को काम करने के लिए कहा गया है। जब तक बंदरों पर कोई अंकुश नहीं लगता, तब तक किसानों को चारा, लैमन ग्रास, नींबू जाति के फल, हल्दी, कचालू, अरबी, अदरक आदि खेती करने की ओर ध्यान देना चाहिए। किसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। कोई भी जमीन खाली रहे किसान को शोभा नहीं देता।

सवाल : कृषि विभाग में ट्रांसफर नीति को लेकर अक्सर कर्मचारी परेशान रहते हैं?

जवाब : कृषि विभाग की अपनी कोई ट्रांसफर नीति नहीं है। जो नियम कानून पूरे प्रदेश के दूसरे विभागों में लागू होते हैं, वही कृषि विभाग में लागू होंगे। आए दिन ट्रांसफर न हो इसके लिए पहले से ही अप्रैल महीने में ट्रांसफर करने की योजना है। ट्रांसफर कोई व्यवसाय न बने इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

सवाल : अक्सर कृषि विभाग के कर्मचारियों को शिकायत रहती है कि उनसे अपने विभाग के बजाय दूसरे कामों में लगाया जाता है।

जवाब : सरकारी कर्मचारी सरकारी मशीनरी का हिस्सा होता है। सरकार उससे जो भी काम लेना चाहे कर्मचारी को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। अब अगर हम सोचे की कोविड-19 से लड़ना सिर्फ स्वास्थ्य विभाग का ही काम है तो क्या यह ठीक होगा? चुनाव करवाने होते हैं तो क्या कोई एक विभाग चुनाव करवा सकता है। हमें काम करने में विश्वास करना चाहिए। बहानेबाजी से देश का विकास संभव नहीं हो सकता।

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