मां की मौत के बाद बेटी ने पिता को घर से निकाला, दिल्ली के रहने वाले गुरदीप सिंह ने लावारिसों की तरह जम्मू में दम तोड़ा
ऐसा ही एक मामला जम्मू में भी पेश आया जहां दिल्ली एक बुजुर्ग ने जीएमसी अस्पताल में लावारिसों की तरह दम तोड़ दिया लेकिन वह बुजुर्ग लावारिस नहीं था बल्कि उसकी एक बेटी भी थी जो अपने पिता की इस हालत से अच्छी तरह वाकिफ थी।
जम्मू, जागरण संवाददाता । काेरोना महामारी कई लोगों की जान तो ले ही रही है, लेकिन वह अब उन रिश्तों को भी बेनकाव कर रही है जिनके लिए इंसान पूरी जिंदगी जद्दोजहद करता है। ऐसा ही एक मामला जम्मू में भी पेश आया, जहां दिल्ली एक बुजुर्ग ने जीएमसी अस्पताल में लावारिसों की तरह दम तोड़ दिया, लेकिन वह बुजुर्ग लावारिस नहीं था, बल्कि उसकी एक बेटी भी थी, जो अपने पिता की इस हालत से अच्छी तरह वाकिफ थी।
दिल्ली का रहने वाला बुजुर्ग गुरदीप सिंह दो दिन पहले जम्मू बस स्टैंड के पास सेंट पीटर स्कूल के बाहर फुटपाथ पर गंभीर अवस्था में पड़ा मिला था। बातचीत से पढ़े-लिखे दिख रहे इस बुजुर्ग ने बताया था कि वह दिल्ली का रहने वाला है। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी की कोरोना से मौत हो गई थी, जिसके बाद उनकी इकलौती बेटी ने उन्हें घर से निकाल दिया था। गुरदीप सिंह की हालत का पता उड़ान संस्था की चेयरपर्सन ऊर्जा सिंह को चला तो उन्होंने पुलिस की मदद से उन्हें जीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया।
ऊर्जा सिंह ने बताया कि उन्हें गुरदीप सिंह से उनकी बेटी का मोबाइल नंबर मिला तो उन्होंने उससे बात की तो उनकी बेटी का जवाब सुनकर वह सन्न रह गई। बेटी का कहना था कि उसका अपने पिता से कुछ लेना -देना नहीं है। मैं उनका बोझ नहीं उठा सकती। आप उन्हें किसी वद्धाश्रम में रखवा दें। दो दिनों से उड़ान संस्था के सदस्य बुजुर्ग की देखभाल कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया।
ऊर्जा सिंह ने बताया कि बुजुर्ग की मौत के बाद हमने दोबारा उनकी बेटी को फोन किया। पहली बार किसी युवक ने फोन उठाया और बाद में उनकी बेटी से बात हुई तो पिता की मौत के बाद भी बेटी के तेवर वैसे ही थे। उसका इस बार कहना था कि आप ही उनके पिता का संस्कार करवा दो। मेरे पास वहां आने का समय नहीं है। ऊर्जा सिंह के अनुसार, गुरदीप सिंह कोरोना नेगेटव हैं। अब उनका संस्कार उनकी संस्था ही पूरे रीति-रिवाज के साथ करेगी।