जम्मू-कश्मीर में नागरिकता मिलने के बाद अब वाल्मीकि समाज ने राजनीति में मांगा आरक्षण

गिल ने कहा कि समाज के लोगों को जो प्रमाण पत्र मिलता है पर वाल्मीकि लिखा जाए जैसे कि पंजाब में लिखा जाता है। भारत भूषण हंस ने मांग की कि वाल्मीकि जी के प्रकट दिवस पर सरकारी छुट्टी की घोषणा होनी चाहिए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:45 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:45 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में नागरिकता मिलने के बाद अब वाल्मीकि समाज ने राजनीति में मांगा आरक्षण
सरकार को पहले ही कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं मगर लोगों की मांग को पूरा नही किया जा रहा।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही वाल्मीकि समाज के लोग जम्मू कश्मीर के नागरिक हो गए। इसकी खुशी इन लोगों में भरपूर है। लेकिन वहीं दूसरी ओर नाराजगी है कि नागरिकता मिलने के बाद भी समाज के विकास के लिए कदम नही उठाए जा रहे।

भारतीय वाल्मीकि आदि धर्म समाज का कहना है कि नागरिकता तो मिल गई। मगर इसके बाद इस समाज के उत्थान के लिए सरकार को बड़े तौर पर काम करना होगा। यह समाज आज भी शिक्षा क्षेत्र से दूर है। इस समाज का भला तभी हो सकता है जब इस समाज से किसी को विधानसभा में प्रतिनिधित्व दिया जाए।

यहां हुई बैठक के उपरांत संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान विजय आनंद गिल ने कहा कि अब वाल्मीकि समाज को राजनीति में आरक्षण मिलना चाहिए। हमारा प्रतिनिधि जब विधानसभा में होगा तो वह अपने समाज की बात को यहां पर जोर शोर से उठाएगा। वाल्मीकि समाज के लोगों ने सरकार से कहा कि राजनीति आरक्षण दिया जाए। वहीं दूसरी ओर शिक्षा क्षेत्र में समाज के बच्चों को विशेष सुविधाएं दी जाएं।

गिल ने कहा कि समाज के लोगों को जो प्रमाण पत्र मिलता है, पर वाल्मीकि लिखा जाए जैसे कि पंजाब में लिखा जाता है। भारत भूषण हंस ने मांग की कि वाल्मीकि जी के प्रकट दिवस पर सरकारी छुट्टी की घोषणा होनी चाहिए। सरकार को पहले ही कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं मगर समाज के लोगों की मांग को पूरा नही किया जा रहा। 

उन्हें प्रदेश प्रशासन से काफी उम्मीद हैं। पिछले कई सालों से दिक्कतों का सामना कर रहे वाल्मीकि समाज की सभी परेशानियों को हल करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में उन्हें भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए ताकि उनके समाज के लोगों की परेशानियों की भी सुनवाई हो सके।

भारतीय वाल्मीकि आदि धर्म समाज के सदस्यों ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद समाज के लोगों को जम्मू-कश्मीर की नागरिकता हासिल हुई। अब ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए ताकि समाज के लोग गरीबी के दौर से बाहर आ सकें। शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।

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