प्रशासनिक सचिव लद्दाख के कर्मचारियों के पदोन्नति के मामलों पर भी विचार करें

सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को सलाह दी है कि वे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के पदोन्नति के मामलों पर विचार करें। लद्दाख में कार्यरत कर्मचारियों को बाहर रखकर की किए गए पदोन्नति के मामलों की समीक्षा की जाए।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:29 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:29 PM (IST)
प्रशासनिक सचिव लद्दाख के कर्मचारियों के पदोन्नति के मामलों पर भी विचार करें
लद्दाख में कार्यरत कर्मचारियों को बाहर रखकर की किए गए पदोन्नति के मामलों की समीक्षा की जाए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को सलाह दी है कि वे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के पदोन्नति के मामलों पर विचार करें। लद्दाख में कार्यरत कर्मचारियों को बाहर रखकर की किए गए पदोन्नति के मामलों की समीक्षा की जाए।

सामान्य प्रशासनिक विभाग की तरफ से जारी आदेश के तहत यह देखने में आया है कि कुछ प्रशासनिक विभाग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के पदोन्नति के आदेश जारी कर रहे हैं। जिसमें उन कर्मचारियों को बाहर खा जा रहा है जो अपनी सेवाएं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में दे रहे हैं।

जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन होने के बाद इस मुद्दे को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से गठित कमेटी में भी उठाया गया था ताकि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच संपत्तियों और देनदारियों का निर्धारित समय पर बंटवारा हो जाए। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 के तहत जो अधिकारी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सेवाएं दे रहे हैं उनकी योग्यता के आधार पर पदोन्नति के मामलों पर विचार होना चाहिए। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति से बाहर रखा जा रहा है।

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 के प्रावधानों के विपरीत हैं और कानूनी तौर पर सही नहीं है

यह जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 के प्रावधानों के विपरीत हैं और कानूनी तौर पर सही नहीं है। जम्मू कश्मीर में प्रशासनिक विभाग की तरफ से जारी किए गए पदोन्नति के मामलों की समीक्षा करने की जरूरत है। इसलिए सभी प्रशासनिक विभागों को सलाह दी जाती है कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में काम करने वाले कर्मचारियों के पदोन्नति के मामलों पर भी योग्यता के अनुरूप विचार करें और संयुक्त कैडर की क्षमता और वरिष्ठता के हिसाब से पदोन्नति दी जाए जब तक कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच कर्मचारियों का बंटवारा कानून के तहत नहीं हो जाता। 

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