Jammu Kashmir : कोरोना व आतंकवाद से प्रभावित कारोबारियों को राहत की वैक्सीन
जम्मू कश्मीर में कोविड-19 और आतंकवाद से प्रभावित कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को 1350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर में कोविड-19 और आतंकवाद से प्रभावित कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को 1350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया। इसके साथ ही सितंबर 2019 से सितंबर 2020 तक एक साल के लिए सभी औद्योगिक व व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए बिजली के तय किराये में 50 फीसद की छूट मिलेगी। इसी तरह पानी का बिल भी एक साल के लिए आधा माफ होगा। सभी छोट-बड़े कारोबारियों को पहली अप्रैल 2020 से छह महीने के लिए बैंक कर्ज के ब्याज में पांच फीसद अनुदान भी मिलेगा। सिन्हा ने कहा कि जल्द ही केंद्र शासित प्रदेश के लिए नयी औद्योगिक नीति का भी एलान होगा। केंद्र सरकार ने इस नीति को अंतिम रूप दे दिया है।
श्रीनगर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि मुझे आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे प्रदेश के कारोबारियों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। उपराज्यपाल ने कहा कि 1350 करोड़ रुपये का यह पैकेज प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के पैकेज के अलावा है। आत्मनिर्भर अभियान के तहत किसानों, बागवानों व अन्य कृषि गतिविधियों से जुड़े लोगों व ग्रामीण अंचलों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इसके तहत आठ कार्यबल भी बनाए गए थे। जम्मू कश्मीर बैंक ने इस अभियान के तहत 1400 करोड़ रुपये की राशि बांटी है। इसके अलावा छह हजार करोड़ रुपये बिजली ढांचे को बेहतर बनाने के लिए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज घोषित पैकेज से आम जनता को बहुत फायदा होगा, इससे प्रदेश में लाखों रोजगार पैदा होंगे।
उपराज्यपाल ने कहा कि हमने आज जो पैकेज लागू किया है, उसके तहत प्रदेश में हर छोटे बड़े कारोबारी को एक साल के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज पर ब्याज में पांच फीसद अनुदान मिलेगा। यह पहला अवसर है जब इस मद में पांच फीसद अनुदान दिया गया है। इसके लिए केंद्र शासित प्रदेश 950 करोड़ रुपये दे रहा है। इसके अलावा कारोबारियों के लिए एक साल के लिए बिजली के तय शुल्क और पानी बिल में 50 फीसद की राहत दी गई है। इसमें 105 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मार्च 2021 तक स्टांप डयूटी माफ :
उपराज्यपाल ने कहा कि बिना किसी भेदभाव प्रदेश में सभी कर्जदारों को मार्च 2021 तक स्टांप डयूटी से छूट दे दी गई है।
दस्तकारों के क्रेडिट कार्ड की सीमा हुई दो लाख :
उपराज्यपाल ने कहा कि हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र से जुड़े लोगों की मदद के लिए उनके क्रेडिड कार्ड स्कीम में कर्ज की अधिकतम सीमा को एक लाख से बढ़ाकर दो लाख किया गया है। इन लोगों को ब्याज पर सात फीसद अनुदान भी मिलेगा।
आम आदमी से लेकर टैक्सी चालकों को भी मिलेगी मदद :
उपराज्यपाल ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों, टैक्सी चालकों, होटल मालिकों, हाउस बोट मालिकों व अन्य वर्गों की मदद के लिए एक व्यवहारिक और प्रभावी प्रणाली बनाई गई है। इसके अलावा आम नागरिकों, पिट्ठू, घोड़ेवाले व अन्य सभी वर्ग भी कोरोना से पैदा हालात से प्रभावित हैं। इन लोगों को भी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की तर्ज पर मदद दी जा रही है।
पर्यटन क्षेत्र के लिए जम्मू कश्मीर बैंक के जरिए चलेगी योजना :
उपराज्यपाल ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने के लिए जम्मू कश्मीर बैंक हैल्प टूरिज्म स्कीम चलाएगा। इसमें पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के कर्ज, निवेश व अन्य सभी संबंधित मुद्दों को हल करने का प्रयास किया गया है।
युवा और महिला उद्यमियों के लिए विशेष डेस्क :
उपराज्यपाल ने कहा कि पहली अक्तूबर से जम्मू कश्मीर बैंक युवाओं और महिलाओं के उद्यमों के लिए एक विशेष डेस्क शुरू करेगा। इसमें उन्हें काउंसलिंग, नयी योजनाओं की जानकारी, उद्योग लगाने में मदद जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उद्योगों की स्थापना के लिए लैंड बैंक :
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हमने औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक लैंड बैंक बनाया है। हम विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में वेयर हाउस और फूड पार्क तैयार करने के इच्छुक निवेशकों, उद्यमियों को पूरी मदद करेंगे।
थोड़ा हम चलें-थोड़ा आप, मंजिल जरूर मिलेगी : उपराज्यपाल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कारोबारियों के लिए आर्थिक पैकेज का एलान करते हुए कहा कि एक माह पहले जब मैं यहां आया था तो एक विचार था कि विकास और समृद्धि का रास्ता कैसे बनाया जाए। इसके लिए मंथन हुआ। विकास के लिए सामुदायिक भागीदारी जरूरी है। इसलिए मैं कहता हूं कि थोड़ा हम चलेंगे, थोड़ा आप चलिए, मंजिल जरूर मिलेगी। इसलिए हमने सभी की भागीदारी को सुनिश्चित बनाने के लिए यहां कारोबारी गतिविधियां बहाल करने के लिए सलाहाकर केके शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
बीते 20 सालों में पहली बार समय पर मिली रिपोर्ट :
उपराज्यपाल ने कहा कि विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत करने के बाद ही हमने सलाहकार केके शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। समिति ने निर्धारित समय के भीतर 12 दिनों में अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर अपनी सिफारिश दी है। मुझे बताया गया है कि एक लंबे अर्से के बाद बीते दो दशकों में पहली बार किसी समिति ने अपनी रिपोर्ट दी है।
आर्थिक पैकेज के 10 मुख्य बिंदू 1. सितंबर 2019 से सितंबर 2020 तक एक साल के लिए सभी औद्योगिक और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए बिजली के तय किराये में 50 फीसद की छूट। इससे सरकारी खजाने पर 80 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। 2. पहली अप्रैल 2020 से छह महीने के लिए सभी औद्योगिक व व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए पानी के किराये में छूट। इससे सरकारी राजस्व में 25 करोड़ का घाटा पड़ेगा। 3. पहली अप्रैल 2020 से छह महीने के लिए बैंक कर्ज के ब्याज में सरकार पांच फीसद का बोझ साझा करेगी। इससे सरकारी खजाने पर 950 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। 4. 1,40,000 सूमो, बस व ऑटो चालकों का बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन बोर्ड में पंजीकरण करके छह महीने उन्हेंं एक हजार रुपये मासिक भुगतान किया जाएगा। इससे सरकारी खजाने पर 80 करोड़ का बोझ पड़ेगा। 5. वर्ष 2014 व 2016 में घोषित आर्थिक पैकेज में सरकार ने ब्याज में छूट की जो घोषणा की थी। उसका बैंकों को भुगतान होगा। इससे सरकारी खजाने पर 139.34 करोड़ का बोझ पड़ेगा। 6. हाउसबोट संचालकों को बायो-डाइजस्टर लगाने में 80 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। इससे सरकारी खजाने पर 15 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। 7. ट्रांसपोर्टरों को पुराने वाहनों को बदलकर नए वाहन लेने पर सरकार 50 फीसद सब्सिडी या पांच लाख (जो भी कम होगा) की मदद देगी। इसमें पहले ही बजट में 25 करोड़ का प्रावधान रखा जा चुका है। 8. बसों-मिनी बसों का बीमा करवाने के लिए सरकार पांच हजार रुपये तथा टैक्सी-सूमो के लिए तीन हजार व थ्री-व्हीलर के लिए दो हजार रुपये तक का प्रीमियम देगी। इससे सरकारी खजाने पर 50 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। 9. प्रदेश के 3100 कलाकारों को सरकार अप्रैल 2020 से नौ महीने के लिए एक हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता देगी। इससे सरकारी खजाने पर 1.80 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। 10. शिकारा चलाने वालों, हाउसबोट, टूरिस्ट गाइड व पर्यटन उद्योग पर निर्भर ऐसे 19,914 लोगों को सरकार तीन महीने के लिए एक हजार रुपये प्रति माह देगी। इससे सरकारी खजाने पर 11.995 करोड़ का बोझ पड़ेगा।