जम्मू में लोगों की प्यास बुझाने वाले 80 फीसद वाटर कूलर खराब
अंचल सिंह जम्मू मंदिरों के शहर जम्मू में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए लगाए गए 80 फीसद
अंचल सिंह, जम्मू
मंदिरों के शहर जम्मू में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए लगाए गए 80 फीसद वाटर कूलर खराब पड़े हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर लगाए गए इन वाटर कूलरों में महज 20 प्रतिशत ही ऐसे हैं, जो लोगों की प्यास बुझा रहे हैं। ऐसे में भीषण गर्मी में सड़क से गुजरने वाले लोगों को प्यास लगने पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जो वाटर कूल चल भी रहे हैं, कोरोना संक्रमण को देखते हुए उनकी साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक इस समय पूरे शहर में 386 वाटर कूलर लगे हैं। इनमें से ज्यादातर जम्मू नगर निगम ने लगाए हैं। कई वाटर कूलर दानवीरों और स्वयंसेवी संस्थाओं की तरफ से भी लगाए हैं, जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी नगर निगम की बनती है, लेकिन लगता है उसे इसकी चिंता ही नहीं है। एक वाटर कूलर लगाने में एक लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो जाता है। ऐसे में मरम्मत नहीं होने और देखरेख के अभाव में जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है। निगम ने अपने मेकेनिकों से कुछ इलाकों में वाटर कूलर की मरम्मत करवाई है, लेकिन अधिकतर खराब ही हैं। लास्टमोड़ व नई बस्ती जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र में लगे तीन वाटर कूलर दो वर्ष से खराब हैं। नानक नगर गुरुद्वारा साहिब के नजदीक लगाए गए वाटर कूलर को वहां से हटा दिया गया। परेड मिनी स्टेडियम के बाहर और ज्यूल चौक में लगा वाटर कूलर मरम्मत के इंतजार में है। गोल मार्केट में लगा वाटर कूलर वर्षो से खराब है। गुरुद्वारा सुंदर सिंह रोड, रेजीडेंसी रोड, क्रिश्चियन कॉलोनी के नजदीक भी देखरेख के अभाव में वाटर कूलर खराब है। डिगियाना, प्रीत नगर में लगा वाटर कूलर भी मरम्मत के अभाव में कबाड़ बन चुका है। करीब 80 प्रतिशत वाटर कूलर किसी न किसी सूरत में खराब हैं। -------------
यहां कबाड़ बन रहे वॉटर कूलर
लास्टमोड़
नई बस्ती
परेड मिनी स्टेडियम
ज्यूल चौक
गोल मार्केट
गुरुद्वारा सुंदर सिंह रोड
रेजीडेंसी रोड
क्रिश्चियन कॉलोनी
रेशमघर कॉलोनी
डिगियाना
प्रीत नगर
शास्त्री नगर मोड़ ----------
वर्ष 2006 से चौक-चौराहों पर लगना शुरू हुए थे वाटर कूलर
मुख्य चौराहों, व्यस्त क्षेत्रों में वाटर कूलर लगाने का फैसला वर्ष 2006 में निगम की जनरल हाउस की बैठक में लिया गया था। उस समय कॉरपोरेटरों ने अपने फंड से हर वार्ड में वाटर कूलर लगाना शुरू किए थे। वर्ष 2010 में कॉरपोरेटरों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ यह प्रक्रिया ठंडी पड़ गई। वाटर कूलरों को ठीक करवाने की तरफ भी ध्यान कम दिया जाने लगा। अब फिर से कॉरपोरेटर सक्रिय हुए हैं और वे निगम प्रशासन पर वाटर कूलर लगाने व मरम्मत करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसी का नतीजा है कि कहीं-कहीं वाटर कूलर चलना शुरू हुए हैं। ----------
हमने वाटर कूलर ठीक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कॉरपोरेटरों की निशानदेही पर इन्हें ठीक किया जा रहा है। शहर में इस समय करीब 386 वाटर कूलर लगे हुए हैं। 2019-20 में करीब 60 नए वाटर कूलर भी लगाए गए हैं। जो वाटर कूलर ठीक हो पा रहा है, उसकी मरम्मत कर रहे हैं। जहां नए की जरूरत है, वहां नया लगाने का विकल्प रखा जा रहा है।
-लक्ष्मण जम्वाल, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, नगर निगम, जम्मू ----------
कोरोना महामारी के चलते कामकाज थोड़ा प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन लोगों को बेहतर सुविधाएं देने में निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। फिर वाटर कूलर लगाने या मरम्मत करने का काम ही क्यों न हो। हमने मरम्मत कार्य शुरू किए हुए हैं। कई जगह नए वाटर कूलर लगाए जा रहे हैं। कॉरपोरेटर के सहयोग से शहर में लोगों को गर्मी में ठंडा पानी उपलब्ध करवाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं।
-चंद्रमोहन गुप्ता, मेयर, नगर निगम, जम्मू