Jammu Kashmir: दुश्मन को घेरेंगे जम्मू-कश्मीर सीमा से सटे इलाकों में बने 6 पुल, रक्षामंत्री ने किया ऑनलाइन लोकार्पण

सीमा पर तैनात जवानों को रसद और आवश्यक सामान पहुंचाने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बीआरओ परियोजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी कर रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 04:44 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 04:44 PM (IST)
Jammu Kashmir: दुश्मन को घेरेंगे जम्मू-कश्मीर सीमा से सटे इलाकों में बने 6 पुल, रक्षामंत्री ने किया ऑनलाइन लोकार्पण
Jammu Kashmir: दुश्मन को घेरेंगे जम्मू-कश्मीर सीमा से सटे इलाकों में बने 6 पुल, रक्षामंत्री ने किया ऑनलाइन लोकार्पण

राकेश शर्मा, कठुआ : जम्मू कश्मीर में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को और बेहतर बनाने में जम्मू संभाग के सीमांत क्षेत्रों में बने छह नए पुल अहम भूमिका निभाएंगे। वीरवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कठुआ और जम्मू जिलों में बार्डर रोड पर 43 करोड़ की लागत से छह पुलों का ऑनलाइन लोकार्पण किया। इससे सेना और सुरक्षाबलों के साजो सामान को हर मौसम में जल्द पहुंचाना संभव होगा ही, विकास की बयार से अछूते सीमावर्ती ग्रामीणों को सात दशक बाद बेहतर जीवन की आस जगी है।

कठुआ से जम्मू के अखनूर तक पाक सीमा के साथ बार्डर रोड का विकास बीआरओ कर रहा है। मार्ग पर पडऩे वाले नालों पर 17 पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इन छह पुलों समेत नौ का निर्माण पूरा हो चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पांच अन्य पुलों का निर्माण अगले माह पूरा कर लिया जाएगा। एक को छोड़ शेष पुलों का निर्माण अगले साल मार्च में पूरा कर लिया जाएगा। रक्षामंत्री ने निर्माण से जुड़े अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि दुश्मनों की निरंतर गोलीबारी के बावजूद इन पुलों का निर्माण समय पर पूरा किया गया। ये पुल सीमा से सटे ग्रामीण इलाकों के विकास में तेजी तो लाएंगे ही, सरहद की रक्षा कर रहे हमारे जवानों को इनका लाभ मिलेगा। सीमा पर तैनात जवानों को रसद और आवश्यक सामान पहुंचाने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बीआरओ परियोजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी कर रही है। उनके लिए पर्याप्त धन दिया जा रहा है।

इन पुलों का किया लोकार्पण

तरनाह 1: कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में तरनाह नाले पर बने 160 मीटर लंबे पुल के निर्माण पर 10 करोड़ की लागत आई है।

तरनाह 2: हीरानगर सेक्टर में तरनाह नाले पर ही बने 300 मीटर लंबे पुल पर करीब 16 करोड़ रुपये की लागत आई है।

चार पुल जम्मू के अखनूर सेक्टर में बनाए गए हैं। इनमें पहाड़ीवाला ब्रिज, पन्याली ब्रिज, पलवन ब्रिज और घोड़ावाला ब्रिज शामिल हैं।

सौ करोड़ से बन चुके हैं तीन पुल: इसी ओल्ड सांबा कठुआ मार्ग पर तीन बड़े पुल बने और उनकी लागत करीब 107 करोड़ रुपये आई है। एक 331 मीटर लंबा पुल बई नाले पर बना था और उस पर 16 करोड़ लागत आई थी। उज्ज दरिया पर एक किलोमीटर लंबा पुल पचास करोड़ की लागत से बना है। वहीं सांबा जिले के बसंतर दरिया पर भी 617 मीटर लंबा पुल 41 करोड़ की लागत से बनाया गया था। इनका लोकार्पण पहले हो चुका है।

सीमांत क्षेत्र में बेहतर सड़क नेटवर्क: इन सभी पुलों के निर्माण से अब सीमांत क्षेत्र के लोगों को एक बेहतर सड़क नेटवर्क तैयार हो चुका है। बीआरओ अधिकारियों के अनुसार इन पुलों से सेना के वाहन और टैंक भी गुजारे जा सकते हैं।

पंजाब के लिए वैकल्पिक मार्ग: इन पुलों से जम्मू, कठुआ और सांबा के लोगों के साथ पंजाब पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर के लोगों को भी मिलेगा। जम्मू के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा और दूरी भी कम हो जाएगी। सबसे अहम यह मार्ग हाईवे टोल प्लाजा टैक्स से मुक्त होगा।

100 सीमांत गांवों को फायदा: राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से पूर्व इसी ओल्ड जम्मू सांबा-कठुआ मार्ग से आवागमन होता था। अब फिर इस मार्ग पर दोबारा बसें दौडऩे की उम्मीद है। 1980 के बाद मार्ग खस्ताहाल होने और नालों पर पुल नहीं होने की वजह से बस सेवा बंद हो गई थीं। इससे करीब 100 गांवों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

यह रहे मौजूद: नई दिल्ली से केंद्रीय रक्षामंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने इन पुलों का लोकार्पण किया। कठुआ में तरनाह पर बने पुल पर आयोजित समारोह में जम्मू-पुंछ के सांसद जुगल किशोर शर्मा, डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा, कठुआ के डीसी ओपी भगत, बीएसएफ के आइजी एनएस जम्वाल, डीआइजी सुखेदव राज, ग्रेफ के कमांडेंट पंकज गोयल सहित वरिष्ठ अधिकारी व भाजपा कार्यकर्ता एवं कुछ प्रमुख नागरिक मौजूद रहे। 

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