आतंकवाद प्रभावित 50 फीसद बच्चे वित्तीय मदद के लिए सूची में ही नहीं

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सांप्रदायिकता से प्रभावित हुए परिवारों के 50 फीसद से अधिक योग्य बच्चे नामांकन सूची में ही नहीं हैं। यह बात केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव फाउंडेशन के सचिव मनोज पंत ने मंगलवार को कही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:07 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:07 AM (IST)
आतंकवाद प्रभावित 50 फीसद बच्चे वित्तीय मदद के लिए सूची में ही नहीं
आतंकवाद प्रभावित 50 फीसद बच्चे वित्तीय मदद के लिए सूची में ही नहीं

राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सांप्रदायिकता से प्रभावित हुए परिवारों के 50 फीसद से अधिक योग्य बच्चे नामांकन सूची में ही नहीं हैं। यह बात केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव फाउंडेशन के सचिव मनोज पंत ने मंगलवार को कही है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन के तहत आतंकवाद और सांप्रदायिकता से प्रभावित 25 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और दो लाख प्रति वर्ष से कम आय वाले परिवार के बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। संगठन से सहायता प्राप्त करने के लिए 1771 बच्चे योग्य हैं। श्रीनगर में आतंकवाद प्रभावित बच्चों के पुनर्वास, करियर और कौशल विकास के लिए सहायता के लिए कार्यक्रम की समीक्षा में मनोज पंत ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों और जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से सर्वेक्षण कर योग्य बच्चों की पहचान करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ये बच्चे असुरक्षित हैं और उनकी देखभाल और उचित मार्गदर्शन की जरूरत है। उन्होंने उन पीड़ित बच्चों की पहचान करने को भी कहा जो विभिन्न व्यवसायों में लगे हैं ताकि उन्हें सुविधा दी जा सके। पंत ने समाज कल्याण विभाग को पीड़ित बच्चों के आधार से जुड़े बैंक खाते खोलने के लिए कहा। समीक्षा बैठक में मौजूद मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोले ने अधिकारियों को योग्य बच्चों की सूची प्राथमिकता के आधार पर तैयार करने के लिए कहा ताकि उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। मनोज पंत ने कहा कि वह विभिन्न राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी में बच्चों के लिए उनके करियर परामर्श और कौशल विकास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर के संबंधित अधिकारियों से लड़के और लड़कियों दोनों में से पांच छात्रों का चयन करने के लिए कहा है। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान ये बच्चे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे।

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