Jammu Kashmir: मिशन यूथ के तहत 3000 विद्यार्थियों को मिलेगी कोचिंग, मिलेंगी तीस प्रतिशत सीटें

मिशन यूथ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा शाहिद इकबाल ने बुधवार को श्रीनगर में योजना को कामयाब बनाने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मेधावी बच्चों की कोचिंग करवाने के लिए जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:34 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:34 AM (IST)
Jammu Kashmir: मिशन यूथ के तहत 3000 विद्यार्थियों को मिलेगी कोचिंग, मिलेंगी तीस प्रतिशत सीटें
यह योजना हाल ही में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुरू की थी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: प्रशासन ने जम्मू कश्मीर में मिशन यूथ योजना को शुरू करने की तैयारी कर ली है। वित्त विभाग ने यह योजना शुरू करने को मंजूरी दे दी है।

मिशन यूथ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा शाहिद इकबाल ने बुधवार को श्रीनगर में योजना को कामयाब बनाने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मेधावी बच्चों की कोचिंग करवाने के लिए जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी। चुने गए गए विद्यार्थियों को देश के बेहतरीन काेचिंग सेंटरों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ट्रैनिंग करवाई जाएगी।

मिशन यूथ के तहत प्रदेश के 3000 विद्यार्थियों को कोचिंग दिलवाई जाएगी। इनमें से तीस प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित होंगी। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को यूपीएससी की भारतीय प्रशासनिक सेवा, अन्य केंद्रीय सेवाओं के साथ जम्मू कश्मीर पीएससी व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अच्छी कोचिंग दिलवाई जाएगी।

युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए यह योजना हाल ही में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुरू की थी। अब इस योजना को लागू करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। जल्द विद्यार्थियों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी।

स्कूली शिक्षा में सुधार की ओर ध्यान दे सरकार: नेशनल अवामी यूनाइटेड पार्टी ने एलजी प्रशासन से स्कूली शिक्षा में सुधार करने की जरूरत पर बल दिया है। खासकर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को कोरोना काल में पढ़ाई में आ रही परेशानियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन बच्चों की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। जिनके पास मोबाइल तक की सुविधा भी नहीं है। पार्टी मुख्यालय ईदगाह रोड जम्मू में आज एक संवाददाता सम्मेलन में एनएयूपी अध्यक्ष संदीप सिंह ने कहा कि वर्षों से यह देखा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में सरकारी स्कूलों के सभी मानक गिर रहे हैं। इसके साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में निजी स्कूलों की वृद्धि हुई है, जो स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि सरकारी स्कूल का प्रदर्शन खराब है और लोग भारी कीमत चुकाकर अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिल करने के लिए मजबूर हैं।जो पूरे परिवार पर बोझ बन जाता है।देखा गया है कि अधिकतर रसूकदार अध्यापक जीवन भर शहरों के स्कूलों में ही कार्यरत रहते हैं।

वह बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं दिखते।संदीप ने कहा कि जब तक अधिकारियों के बच्चों का सरकारी स्कूलों में पढ़ना जरूरी नहीं कर दिया जाता सरकारी स्कूलों का उत्थान संभव नहीं है।स्कूल के बुनियादी ढांचे पर सरकारी धन खर्च किया जा रहा है लेकिन परिणाम में कोई सुधार नहीं हो रहा।स्कूलों में एक सरकारी रवैया देखा जाता है। जिसका असर बच्चों पर पड़ता है। खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।स्कूलों में खेल सुविधाओं को लेकर भी गंभीरता से काम करने की जरूरत है। जब तक स्कूलों में खेलों को बढ़ावा नहीं मिलेगा। देश को अच्छे खिलाड़ी नहीं मिल सकते।एनएयूपी जनता में जागरूकता पैदा करना चाहता है कि सभी को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए और अन्याय को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। इस मौके पर भुपेंद्र शर्मा, नेत्र पाल और प्रीतम शर्मा भी मौजूद थे।

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