जम्मू कश्मीर में 21 लाख बिजली उपभोक्ता, 2023 तक लगाए जाएंगे 8 लाख स्मार्ट मीटर
मौजूदा समय में दो लाख स्मार्ट मीटर प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत दोनों राजधानी शहरों श्रीनगर व जम्मू में स्थापित किए जा रहे हैं। प्रशासनिक परिषद ने स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना को पुर्नोत्थन वितरण क्षेत्र योजना जिसे आरडीएसएस भी कहते हें के तहत दी है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 2023 तक बिजली के आठ लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इस परियोजना को जम्मू ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड जेपीडीसीएल और कश्मीर ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड केपीडीसीएल कार्यान्वित करेंगे। यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिया गया संबंधित अधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक परिषद की बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार फारुक खान और राजीव राय भटनागर के अलावा मुख्य सचिव डा अरुण कुमार मेहता, उपराज्य के प्रधान सचिव नीतिश्वर कुमार मौजूद थे।
प्रशासनिक परिषद द्वारा मंजूर की गई स्मार्ट मीटर परियोजना के तहत पूरे प्रदेश में छह लाख स्मार्ट व प्रीपेड मीटर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के एक उपक्रम ग्रामीण विद्युतिकरण निगम आरईसीपीडीसीएल द्वारा लगाए जाएंगे। मौजूदा समय में दो लाख स्मार्ट मीटर प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत दोनों राजधानी शहरों श्रीनगर व जम्मू में स्थापित किए जा रहे हैं। प्रशासनिक परिषद ने स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना को पुर्नोत्थन वितरण क्षेत्र योजना जिसे आरडीएसएस भी कहते हें के तहत दी है। आरडीएसएस का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता और परिचालन रूप से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सामर्थ्य में सुधार करना है।
स्मार्ट मीटर लगाए जाने से मीटर रीडिंग, बिल तैयार करने व बिल वसूल की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। इससे न सिर्फ बिजली घाटा घटेगा बल्कि उपभोक्ताओं को यथासंभव नियमित, विश्वसनीय और गुणवत्ता आधारित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। मीटर की रीडिंग को श्रीनगर स्थित डाटा सेंटर और जम्मू स्थित डाटा रिक्वरी सेंटर में बैठे अधिकारी व कर्मी विभिन्न अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए सीधा प्राप्त करेंगे। स्मार्ट मीटर के जरिए ऊर्जा वितरण निगमों केा भी रियल टाईम के आधार पर उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही बिजली के बारे में लगातार जानकारी मिलेगी और अगर कहीं कोई दिक्कत है तो वह उसे तुरंत ठीक करने के लिए कार्रवाई भी कर सकेंगे। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में करीब 21 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से सिर्फ 50 फीसद ही मीटर वाले उपभोक्ता हैं। मीटर की व्यवस्था पूरी तरह लागू न होने के कारण ही जम्मू कश्मीर में बिजली टीएंडसी घाटा 50 फीसद है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह सिर्फ 22 फीसद ही है।