Kshmir में मिली 1300 वर्ष पुरानी मां दुर्गा की प्रतिमा, शोध के लिए पुरातत्व विभाग को सौंपा
चेहरे पर सौम्य मुस्कान को निरूपित करती मां दुर्गा की सातवीं सदी की यह प्रतिमा एक फीट छह इंच ऊंची है। बड़गाम के एसएसपी ताहिर सलीम खान ने बताया कि यह मूर्ति बड़गाम के ही सिथारन खाग इलाके के रहने वाले शौकत अहमद शेख के पास से बरामद की गई।
श्रीनगर, संवाद सहयोगी : मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले मां दुर्गा की 1300 वर्ष पुरानी पत्थर की प्रतिमा मिली है। मूर्ति कला में गांधार शैली की झलक है। इस पर शोध करने के लिए इसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया है। काले पत्थर की इस प्रतिमा में मां दुर्गा सिंहासन पर विराजमान हैं। उनके दाहिने हाथ में कमल का पुष्प है। बायां हाथ कंधे के पास क्षतिग्रस्त है।
चेहरे पर सौम्य मुस्कान को निरूपित करती मां दुर्गा की सातवीं सदी की यह प्रतिमा एक फीट छह इंच ऊंची है। बड़गाम के एसएसपी ताहिर सलीम खान ने बताया कि यह मूर्ति बड़गाम के ही सिथारन खाग इलाके के रहने वाले शौकत अहमद शेख के पास से बरामद की गई है। उसे यह मूर्ति चार दिन पहले लसजन क्षेत्र में झेलम नदी से मिली थी। एसएसपी के मुताबिक डर के वजह से उसने मूर्ति को अपने घर में छिपा लिया था, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना मिल गई।
पुलिस ने पुरातत्व विभाग को सूचित किया। इसके बाद पुलिस व पुरातत्व विभाग का दल मौके पर पहुंचा और प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया। एसएसपी ने प्रतिमा को पुरातत्व विभाग के उप निदेशक मुश्ताक अहमद बेग के सुपुर्द कर दिया है। पुरातत्व विभाग के उप निदेशक मुश्ताक अहमद बेग ने कहा कि यह प्रतिमा मां दुर्गा की है। प्राथमिक जांच से यही अंदाजा लगाया गया है कि यह लगभग 1300 वर्ष पुरानी है। इसके बारे में अधिक जानकारी शोध के बाद ही दी जा सकेगी।
गौरतलब है कि बड़गाम जिले के ही खान साहब इलाके में इसी वर्ष अक्टूबर माह में मां दुर्गा की एक अन्य प्रतिमा मिली थी। वह करीब 1200 वर्ष पुरानी है। यह उसमें मां दुर्गा दो शेरों की पीठ पर बने सिंहासन पर विराजी हैं। मध्य कश्मीर में इसके पहले भी हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं खोदाई में मिलती रही हैं। यह इलाका धार्मिक महत्व के लिए ऐतिहासिक रहा है।