हाकी खिलाड़ी रवींद्र पाल सिंह का कोरोना से निधन, मास्को ओलंपिक में भारत को दिलाई थी गोल्ड मेडल

भारतीय हाकी टीम को मास्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाने वाले रवींद्र पाल सिंह की कोरोना से मौत हो गई है। वह संक्रमित होने के बाद विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। रवींद्र पाल की मौत की खबर खेल मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट करके दी।

By TaniskEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:33 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:33 AM (IST)
हाकी खिलाड़ी रवींद्र पाल सिंह का कोरोना से निधन, मास्को ओलंपिक में भारत को दिलाई थी गोल्ड मेडल
हाकी खिलाड़ी रवींद्र पाल सिंह का कोरोना से निधन।

लखनऊ, एजेंसियां। भारतीय हाकी टीम को मास्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाने वाले रवींद्र पाल सिंह की कोरोना से मौत हो गई है। वह संक्रमित होने के बाद विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। उनके उपचार के लिए हाकी इंडिया आगे आया था। रवींद्र पाल की मौत की खबर खेल मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट करके दी। उन्होंने कहा, 'मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि श्री रविंदर पाल सिंह जी कोरोना से जंग हार गए हैं। उनके निधन के साथ भारत ने हॉकी टीम का एक गोल्डेन मेंमबर खो दिया, जिसने 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय खेलों में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। ओम शांति।'

बता दें कि रवींद्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, जिसके बाद उनकी मदद के लिए हाकी इंडिया आगे आया था। हाकी इंडिया ने रवींद्र के इलाज के लिए पांच लाख रुपये देने का निर्णय लिया था। इसके साथ ही उनके घरवालों ने यूपी सरकार से भी मदद की गुहार लगाई थी। हाकी इंडिया के पदाधिकारियों के मुताबिक दस मई को दिल्ली में लाकडाउन खुलने पर पैसा ट्रांसफर होगा। हालांकि परिवारिक सूत्रों के अनुसार रवींद्र की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी और गुरुवार को वे नॉन कोविड वॉर्ड में शिफ्ट हो गए थे। लेकिन शुक्रवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।

1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में खेलने वाले रवींद्र पाल सिंह ने शादी नहीं की थी। उन्होंने 1979 के जूनियर विश्व कप में भी खेला और हॉकी छोड़ने के बाद भारतीय स्टेट बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। सीतापुर में जन्मे रवींद्र ने 1979 से 1984 तक सेंटर-हाफ के रूप में शानदार प्रदर्शन किया। दो ओलंपिक के अलावा उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व कराची में चैंपियंस ट्रॉफी (1980, 1983), 1983 में हांगकांग में सिल्वर जुबली 10-नेशन कप, 1982 में मुंबई में विश्व कप और कराची में 1982 एशिया कप में  में किया था।

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