ओलंपिक गोल्ड जीत सकती है भारतीय हॉकी टीम, खेल के मैदान में कुछ भी असंभव नहींः गुरजीत कौर
खेल के मैदान में कुछ भी असंभव नहीं है। फिर भी वर्षो की मेहनत और पूरी टीम के जोश और जुनून को देख कर लगता है। इस बार भारतीय टीम पदक जीत कर 40 वर्षो के सूखे को खत्म करेगी।
धर्मबीर सिंह मल्हार, पंजाब। टोक्यो ओलंपिक के लिए चुनी गई भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य गुरजीत कौर इन दिनों बेंगलुरु के साई सेंटर में पसीना बहा रही हैं। पंजाब के अमृतसर की रहने वाली इस खिलाड़ी ने तरनतारन के गांव कैरों के हॉकी विंग से जुड़कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर से ओलंपिक की तैयारियों के बारे में धर्मबीर सिंह मल्हार ने बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश।
ओलंपिक के लिए आपकी तैयारी कैसी चल रही है?
खिलाड़ी जब दम-खम के साथ खेल के मैदान में उतरता है तो उसे जोश के साथ होश से भी काम लेना होता है, इसलिए मैं ओलंपिक खेलों को हल्के में नहीं ले रही हूं। मैंने कोरोना से पूर्व ही ओलंपिक की तैयारी शुरू कर दी थी। कोरोना के कारण चाहें ओलंपिक खेल एक साल टल गए, लेकिन मैंने अभ्यास नहीं छोड़ा। करीब डेढ़ वर्ष से मैं अपने खेल को मजबूत बनाने में जुटी हुई हूं। मुझे विश्वास है भारतीय टीम नया इतिहास रचेगी।
आप अभ्यास के दौरान किन चीजों का विशेष ध्यान रख रही हैं?
रोजाना पूरी टीम के साथ मैं कई घंटे लगातार अभ्यास करती हूं। टोक्यो के मौसम के अनुसार पूरी टीम ही खुद को तैयार करने में जुटी हुई है। हम मौकों को भुनाने पर विशेष तौर पर काम कर रहे हैं। यही हमें जीत का रास्ता दिखाएंगे। इसके साथ रक्षात्मक विभाग पर भी पूरा फोकस है, ताकि प्रतिद्वंद्वी टीम को कोई मौका ना मिले। साथ ही डाइट पर भी विशेष ध्यान है। शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी खुद को मजबूर करने के लिए योग भी करते हैं। इंजरी से बचने का भी प्रयास रहता है।
ओलंपिक पदक की राह में किस टीम को आप बड़ी बाधा मानती हैं?
जंग का मैदान हो या खेल का, दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। ओलंपिक में पहुंचने वाली सभी टीमें मजबूत होती हैं। हमारी प्रतिस्पर्धा पहले खुद से है। टीम कोई भी हो, हमारा लक्ष्य अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना है। इसी पर हमारा पूरा ध्यान है।
पदक की क्या संभावना है?
खेल के मैदान में कुछ भी असंभव नहीं है। फिर भी वर्षो की मेहनत और पूरी टीम के जोश और जुनून को देख कर लगता है। इस बार भारतीय टीम पदक जीत कर 40 वर्षो के सूखे को खत्म करेगी। मैं मानती हूं कि मुकाबला आसान नहीं होगा, लेकिन प्रतिद्वंद्वी टीमें भी भारतीय टीम को हल्का नहीं मानती हैं।