चिंतपूर्णी में पटरी पर लौटने लगा धार्मिक पर्यटन
मंदिर खुलने के एक पखवाड़े के भीतर ही चिंतपूर्णी में धार्मिक पर्यटन धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है।
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : मंदिर खुलने के एक पखवाड़े के भीतर ही चिंतपूर्णी में धार्मिक पर्यटन धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है। स्थानीय व्यवसायी और होटल कारोबारी इस बात से खुश दिखाई दे रहे हैं कि छह महीने की समयावधि में मंदे की मार से अब जल्द ही उन्हें छुटकारा मिलने वाला है। हालांकि शारीरिक दूरी के नियमों की अवेहलना और प्रशासनिक इंतजामों से व्यापारी वर्ग खुश नहीं है और यह भी कारण है कि अभी तक सौ प्रतिशत दुकानें इस धार्मिक नगरी में नहीं खुली हैं।
बावजूद इसके जो भी दुकानदार अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोल चुके हैं, उन्हें यहां पहुंचने वाले मां के भक्तों ने निराश नहीं किया है और प्रसाद की दुकानों से श्रद्धालु मंदिर के प्रसाद लेकर जा रहे हैं। इसी तरह लंबे समय से ग्राहकों के लिए तरस रहे होटलों में भी मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं की चहल-पहल बढ़ गई है। यहां के होटलों की ऑक्यूपेंसी रेट बीस फीसद से ज्यादा बढ़ गया है।
होटल कारोबारियों ने भी होटलों के कमरों को व्यवस्थित करने का काम शुरू कर दिया है।
आगामी नवरात्र मेले में होटलों में ठहरने के लिए भी कई श्रद्धालु एडवांस बुकिग करवा रहे हैं। मुख्य बाजार में भी आम दिनों की तरह रौनक नजर आने लगी है। हालांकि इन दिनों चिंतपूर्णी में वैसे ही ऑफ सीजन रहता था, ऐसे में दुकानदार भी नवरात्र मेले के इंतजार में हैं।
स्थानीय होटल एसोसिएशन के प्रधान संजीव शर्मा ने कहा कि सबको यही अंदाजा था कि धार्मिक पर्यटन को पटरी पर आने के लिए लंबा वक्त लगेगा लेकिन मंदिर खुलने के कुछ दिन बाद ही हर किसी का व्यवसाय पुरानी स्थिति में आता हुआ दिख रहा है। यह चिंतपूर्णी के धार्मिक पर्यटन के लिए सकारात्मक संदेश है।