ईश्वर का नाम सबसे मूल्यवान हीरा : अतुल
कमी हमारी ओर से है, प्रभु की ओर से नहीं। भगवान की कथा तो ऐसी है कि चंबल एवं बेतवा नदी के किनारे रहने वाले डकैतों को भी यदि सुनने को मिले तो वे भी सज्जन बन सकते हैं। सच्चाई यही है कि परमात्मा की कथा, ध्यान, जप एवं सत्संग से जीवन माधुर्यमय बन जाता है। शुक्रवार को कथा में भगवान श्रीराम का निशादराज से मिलन, केवट का भगवान को गंगा पार ले जाना, भगवान के वियोग में चक्रवर्ती नरेश महाराज दशरथ का निधन एवं भरत का प्रभु श्रीराम को अयोध्या लौटाने के लिए चित्रकूट जाने का प्रसंग सभी ने अत्यंत श्रद्धा से सुना। इस अवसर पर अजनोली आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी रामानंद महाराज, सलोह कुटिया से श्रीश्री 100
संवाद सहयोगी, ऊना : नजदीकी अजनोली के एकादश रुद्र महादेव मंदिर में श्रीराम कथा सातवें दिन शुक्रवार को भी जारी रही। कथावाचक अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि ईश्वर का नाम सबसे मूल्यवान हीरा है। नाम रूपी साधन को जितना अधिक अपनाया जाएगा ,उतना अधिक उत्कर्ष को प्राप्त हो सकते हैं। मन में अनेक अनावश्यक विचार सदैव ही तैरते रहते हैं। नाम जप एवं प्रभु ¨चतन से मन स्वस्थ होता है। हमें अपनी व्यर्थ की इच्छाओं को लगाम देना होगा। विवेकपूर्वक विचार कर इन असंगत प्रपंचों से अपने को बचाना चाहिए। शुक्रवार को कथा में भगवान श्रीराम का निशादराज से मिलन, केवट का भगवान को गंगा पार ले जाना, भगवान के वियोग में चक्रवर्ती नरेश महाराज दशरथ का निधन व भरत का प्रभु श्रीराम को अयोध्या लौटाने के लिए चित्रकूट जाने का प्रसंग सुनाया गया। इस अवसर पर अजनोली आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी रामानंद महाराज, सलोह कुटिया से श्रीश्री 1008 स्वामी यशगिरि महाराज, स्वामी श्याम चेतन ब्रह्मचारी, चौधरी रमेश चंद एडवोकेट, आचार्य रोशनलाल, नंद किशोर वर्मा व नंगल से भगत सीआर मेहर मौजूद रहे।