शिक्षा से ही हो सकता है सामाजिक बदलाव

शिक्षा से ही सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है। बेशक समाज पर शिक्षा का प्रभाव पड़ता है। जहां शिक्षा की लौ होती है वहां सभ्य समाज का उदय तो होता ही है साथ में रोजगार के अवसर भी मिलते हैं और वहां आर्थिक रूप से क्रांति भी देखने को मिलती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 04:47 PM (IST)
शिक्षा से ही हो सकता है सामाजिक बदलाव
शिक्षा से ही हो सकता है सामाजिक बदलाव

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : शिक्षा से ही सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है। बेशक समाज पर शिक्षा का प्रभाव पड़ता है। जहां शिक्षा की लौ होती है, वहां सभ्य समाज का उदय तो होता ही है, साथ में रोजगार के अवसर भी मिलते हैं और वहां आर्थिक रूप से क्रांति भी देखने को मिलती है। यह बात शनिवार को समाजसेवी कैप्टन संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के स्वाणा गांव में पांचवें कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर का लोकार्पण करने के बाद कही।

इस सेंटर में विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करवाई जाएगी। महिलाओं व बुजुर्गो को भी यहां निश्शुल्क कंप्यूटर व अंगेजी सीखने की सुविधा होगी। साथ में गांववासियों के लिए विभिन्न दैनिक समाचारपत्र, मासिक पत्रिकाएं और अध्यात्म व इतिहास की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी।

स्वाणा गांव में खतेड़ा के बाबा बालक नाथ मंदिर में सेंटर के उद्घाटन अवसर पर पराशर ने कहा कि आज के प्रतियोगिता के दौर में जीवन में लक्ष्य हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत करने की आवश्यकता तो है ही साथ में हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। कंप्यूटर व अंग्रेजी की जानकारी आज के दौर में रोजगार हासिल करने की सबसे पहली प्राथमिकता है। ग्रामीण युवाओं को इन विषयों में पारंगत करने के लिए ही वह गांवों में ऐसे सेंटर खोल रहे हैं। मेहड़ा, लग्ग, कटोह-टिक्कर और नारी-घाटी में खोले गए सेंटर का रिस्पांस बेहद अच्छा रहा है और अब इन सेंटर में अध्ययनरत विद्यार्थियों का आंकड़ा तीन सौ को पार कर चुका है। निकट भविष्य में कई अन्य गांवों में भी ऐसे सेंटर खोलने की योजना है।

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