हड़ताल का असर, निजी स्तर पर करवानी पड़ रही बसों की मरम्मत
पीस मील कर्मियों की मांगों के समर्थन में की गई हड़ताल का असर अब एचआरटीसी प्रबंधन पर दिखना शुरू हो गया है। हड़ताल पांचवें दिन में प्रवेश कर गई है। इन कर्मचारियों द्वारा वर्कशाप में एचआरटीसी की बसों के मरम्मत आदि कार्य को पूर्णतया बंद रखा गया है जिससे एचआरटीसी ऊना डिपो और बाहर से आने वाली बसों की मरम्मत स्थानीय प्रबंधन को निजी दुकानों से करवानी पड़ रही है।
संवाद सहयोगी, ऊना : पीस मील कर्मियों की मांगों के समर्थन में की गई हड़ताल का असर अब एचआरटीसी प्रबंधन पर दिखना शुरू हो गया है। हड़ताल पांचवें दिन में प्रवेश कर गई है। इन कर्मचारियों द्वारा वर्कशाप में एचआरटीसी की बसों के मरम्मत आदि कार्य को पूर्णतया बंद रखा गया है जिससे एचआरटीसी ऊना डिपो और बाहर से आने वाली बसों की मरम्मत स्थानीय प्रबंधन को निजी दुकानों से करवानी पड़ रही है। सब कुछ होते हुए भी अब आर्थिक तौर पर नुकसान निगम को भुगतना पड़ रहा है। दूसरी ओर वर्कशाप में कर्मियों के हवाले बस को करके निश्चिंत होकर काम करवाने वाले चालकों को अब स्वयं पास खड़े होकर बसों की मरम्मत करवानी पड़ रही है। करीब 10 से 15 बसों की होती है मरम्मत:
एचआरटीसी ऊना डिपो की वर्कशाप ऊना के नजदीकी रामपुर स्थित है। जहां पर ऊना डिपो सहित अन्य जिलों से आने वाली एचआरटीसी की बसों की मरम्मत की जाती है। ऊना डिपो के अधिकारियों की मानें तो यहां करीब 10-15 बसें प्रतिदिन ठीक होने के लिए पहुंचती हैं लेकिन इन दिनों पीस मील कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मरम्मत कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। इन बसों की मरम्मत निजी स्तर पर करवानी पड़ रही है।
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जारी रहेगी हड़ताल : पीस मील वर्कर्स
ऊना में ठंड के बीच मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे पीस मील वर्कर तरुण, अमित, रोहित, विनय राणा, गुरदीप, मुकेश, संजीव, राजेश, पंकज, नूर, रमन, सुनील, रवि दत्त ने बताया कि सरकार ने उन्हें अनुबंध पर नहीं लिया है। जब तक सरकार अनुबंध का लैटर कर्मियों के हाथों पर नहीं रखेगी, हड़ताल जारी रहेगी। हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई है। डिपो प्रबंधन बसों के बेहतर संचालन के लिए निजी स्तर पर इनकी मरम्मत करवा रहा है। इसका मुख्य कारण वर्कशाप में पीस मील कर्मचारियों की हड़ताल है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
-सुरेश कुमार धीमान, आरएम, ऊना।