क्षेत्रीय अस्पताल का दवा स्टोर कराया खाली, सीएमओ को किया वित्तीय शक्तियों से मुक्त

हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में आवंटित किए गए निजी दवा स्टोर को उपायुक्त ऊना ने खाली करवा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 10:14 PM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 10:14 PM (IST)
क्षेत्रीय अस्पताल का दवा स्टोर कराया खाली, सीएमओ को किया वित्तीय शक्तियों से मुक्त
क्षेत्रीय अस्पताल का दवा स्टोर कराया खाली, सीएमओ को किया वित्तीय शक्तियों से मुक्त

संवाद सहयोगी, ऊना : हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में आवंटित किए गए निजी दवा स्टोर को उपायुक्त ऊना ने खाली करवा गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रमन कुमार शर्मा को वित्तीय शक्तियों से भी मुक्त किया गया है। जिला स्वास्थ्य प्रबंधन के वित्तीय लेखे-जोखे को अब आगामी आदेशों तक उपायुक्त राघव शर्मा स्वयं देखेंगे।

शिमला हाईकोर्ट ने ऊना अस्पताल परिसर में निजी दवा स्टोर को गलत तरीके से आवंटित करने के मामले में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को ऊना के चिकित्सा अधीक्षक, सह सदस्य सचिव, रोगी कल्याण समिति और मुख्य चिकित्सा अधिकारी व रोगी कल्याण समिति के खिलाफ वित्तीय अनियमितता करने पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दवा स्टोर को खाली करवा दिया गया है और इसका कब्जा उपायुक्त को सौंपा गया है। मामले की हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे जिला ऊना दवा विक्रेता संघ के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अजय शर्मा के अनुसार वर्ष 2017 में रोगी कल्याण समिति ने नोटिस प्रकाशित कर अस्पताल के परिसर में एक फार्मेसी की दुकान एक लाख रुपये के मासिक किराये पर आवंटित की थी। नियम अनुसार तीन वर्ष बाद किराये में 10 फीसद की वृद्धि तथा दो लाख रुपये अमानत राशि के रूप में देनी तय की थी लेकिन नियमों को दरकिनार करते हुए तीन साल बाद दुकान को 9,800 रुपये के मासिक किराये पर आवंटित कर दिया गया।

याचिकाकर्ता के अनुसार ऐसे व्यक्ति को दुकान आवंटित की गई जो फार्मासिस्ट भी नहीं था। इन अनियमिताओं को लेकर जिला दवा विक्रेता संघ ने सरकार एवं स्वास्थ्य प्रबंधन के पास न्याय की गुहार लगाई। न्याय न मिलने पर संघ के एक सदस्य ने इसकी याचिका हाईकोर्ट में दायर कर दी। मामले में स्वास्थ्य विभाग से सचिव, निदेशक, रोगी कल्याण समिति, सदस्य सचिव तथा दवा स्टोर संचालक मनीश कुमार को पार्टी बनाया। हाईकोर्ट में मामला चलने पर दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। आखिर में हाईकोर्ट ने दवा स्टोर का आवंटन गलत ठहराया है।

दवा स्टोर संचालक को स्टोर खाली करने सहित चिकित्सा अधीक्षक और सीएमओ को किसी भी प्रकार से दखल देने से मना किया गया है। वहीं मुख्य सचिव को मामले में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। विक्रेता संघ ने बताया कि निविदा को बिना कोई नोटिस जारी किए या किसी समाचार पत्र या इंटरनेट मीडिया में प्रकाशित किए बिना ही प्रदान किया गया है। अस्पताल में पहले से ही दो दवा स्टोर चल रहे हैं। तीसरे की कोई जरूरत भी नहीं थी। आखिर जिस दुकान का किराया प्रतिमाह मिल रहा हो उसे बिना किसी अमानत राशि 9800 रुपये में कैसे और किन नियमों के तहत आबंटित कर दिया गया। दवा स्टोर को खाली करवाकर अपने अंतर्गत ले लिया गया है। सीएमओ ऊना को वित्तीय शक्तियों से भी मुक्त कर दिया गया है।

-राघव शर्मा, उपायुक्त ऊना।

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