मांगों के समर्थन में किसानों व मजदूरों ने निकाली रोष रैली
संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर हिमाचल किसान सभा और सीआइटीयू के नेताओं ने शुक्रवार को ऊना के एमसी पार्क से उपायुक्त कार्यालय तक मांगों के समर्थन में रोष रैली निकाली। इसमें किसान एवं मजदूर जत्थेबंदियों ने हिस्सा लिया।
संवाद सहयोगी, ऊना : संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर हिमाचल किसान सभा और सीआइटीयू के नेताओं ने शुक्रवार को ऊना के एमसी पार्क से उपायुक्त कार्यालय तक मांगों के समर्थन में रोष रैली निकाली। इसमें किसान एवं मजदूर जत्थेबंदियों ने हिस्सा लिया। सभी ने संयुक्त रूप से उपायुक्त के माध्यम से मांगपत्र राष्ट्रपति को प्रेषित किया।
प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने बताया कि भले ही देश के प्रधानमंत्री द्वारा यह एलान कर दिया गया हो कि तीनों कृषि कानून वापस ले लिए जाएंगे लेकिन अभी भी एमएसपी पर कानून बनना बाकी है। संयुक्त मोर्चा की यह मांग है कि लखीमपुर खीरी में हुए हत्याकांड के दोषी और केंद्रीय राज्यमंत्री अभी भी अपने पद पर मौजूद हैं जबकि नैतिकता के आधार पर उन्हें पद त्यागपत्र देना चाहिए था। किसानों को दिल्ली की सरहद पर बैठे पूरा एक साल हो गया है। इस दौरान करीब आठ सौ किसान जान गंवा बैठे हैं। इन्हें शहीद करार देकर उनके घर वालों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देनी चाहिए। अगर ये कृषि कानून पहले ही वापस ले लिए जाते तो इतने किसानों की जान बच सकती थी। किसानों की मांग है कि फसलों का न्यूनतम खरीद मूल्य निर्धारित कर इसका कानून बनाना चाहिए। एक तरफ किसान विरोधी कानून बनाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ मजदूरों द्वारा अनेक कुर्बानियां देकर हक में बनवाए 44 श्रम कानूनों को खत्म कर पूंजीपतियों के पक्ष में चार लेबर कोड बनाए जा रहे हैं जिससे मजदूरी के अधिकार समाप्त किए जा रहे हैं। सीआइटीयू मजदूरों और किसानों के साथ खड़ी है। उनके अधिकारों का हनन हरगिज नहीं होने दिया जाएगा।
इस मौके पर सीआइटीयू के जिला महासचिव गुरनाम सिंह, हिमाचल किसान सभा जिलाध्यक्ष केके राणा, किसान नेता रणजीत सिंह, नरिद्र सिंह, मजीद, सतीश चौधरी, प्यारा सिंह, ओपी सिद्दू, बलविद्र कौर, अनुराधा, अविनाश राणा, जुझार सिंह, मनोज कुमार, मलकीयत सिंह, गुरदीप सिंह, अवतार सिंह, राजिद्र सिंह, ब्रजेश राणा मौजूद रहे।