भावनाओं और गौरव की भाषा है हिदी : संजय पराशर

कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि हिदी गौरव व भावनाओं की भाषा है। ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:20 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:20 PM (IST)
भावनाओं और गौरव की भाषा है हिदी : संजय पराशर
भावनाओं और गौरव की भाषा है हिदी : संजय पराशर

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि हिदी गौरव व भावनाओं की भाषा है। हिदी में बात करना सुकून देता है। सही मायनों में हिदी हमारे लिए प्राणशक्ति है। मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय, चितपूर्णी के प्रांगण में हिदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संजय ने कहा कि हिदी ऊर्जा का संचार करने वाली भाषा है। भारत के फिर से विश्वगुरु बनने के लिए हिदी के ही मजबूत कंधों की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हिदी अब केवल अपने देश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विदेश में भी अपनी धाक जमा रही है। इंटरनेट मीडिया के जमाने में हिदी और सशक्त हुई है। हिदी का प्रयोग करने वालों की संख्या अब बढ़ी है। विश्व भर के अनेक देशों के विश्वविद्यालयों में हिदी में पठन-पाठन हो रहा है। अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक विदेशी व्यक्ति से वह साझा व्यवसाय को लेकर कागजात तैयार करवा रहे थे। उन कागजात पर उस विदेशी ने अपनी मातृभूमि में हस्ताक्षर किए। संजय ने कहा कि वो इतने प्रभावित हुए कि उस दिन के बाद से लेकर आज तक वह हिदी में ही हर जगह हस्ताक्षर करते हैं। इससे पहले मुख्य वक्ता बीबीएन शिप मैनेजमेंट कंपनी की प्रबंध निदेशक व संजय की पत्नी सोनिका पराशर ने कहा कि विद्यार्थियों को हिदी के सम्मान के साथ अन्य विषयों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करनी चाहिए। इस दौरान हुई भाषण प्रतियोगिता में स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा नीलम प्रथम व दूसरे स्थान पर वाणिज्य तृतीय वर्ष की छात्रा तन्वी रही। तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से कालेज के तृतीय वर्ष के छात्र शुभम व अनीष रहे। विजेता छात्रों को कैप्टन संजय की तरफ से नकद ईनाम, ट्राफी और दीवार घड़ी प्रदान की गई। आठ विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार से भी पराशर द्वारा नवाजा गया। कार्यक्रम में सभी एक सौ अस्सी विद्यार्थियों को पराशर की तरफ से श्रीमद्भागवत गीता भी भेंट की गई। इस अवसर पर प्राचार्य डा. एस के बंसल, कालेज स्टाफ में डा. ज्योति, डा. विनोद, प्रो. प्रवीण सैणी, डा. ऋचा, नीलम शर्मा, सुरेन्द्र, शिव कुमार, पूर्व शिक्षक जीत राज कालिया और रामधन शर्मा भी मौजूद रहे।

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