जन औषधि केंद्र बना मरीजों के लिए वरदान

सस्ती दर पर दवा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीब जनता के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। कैप्टन संजय द्वारा परागपुर में खोले गए केंद्र में 75 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्गो को दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध हैं। इसके अलावा इस केंद्र में सभी मरीजों को ब्लड प्रेशर और शुगर की दवाएं निश्शुल्क दी जा रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:38 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:38 PM (IST)
जन औषधि केंद्र बना मरीजों के लिए वरदान
जन औषधि केंद्र बना मरीजों के लिए वरदान

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : सस्ती दर पर दवा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीब जनता के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। कैप्टन संजय द्वारा परागपुर में खोले गए केंद्र में 75 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्गो को दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध हैं। इसके अलावा इस केंद्र में सभी मरीजों को ब्लड प्रेशर और शुगर की दवाएं निश्शुल्क दी जा रही हैं। साथ ही इस केंद्र में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के मरीजों को पराशर हर महीने हजारों रुपये की दवाएं बिना किसी कीमत के दे रहे हैं। जन औषधि केंद्र खुलने के बाद पराशर अब तक 2,02,365 रुपये की दवाओं की चैरिटी कर चुके हैं।

इसके अलावा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर लोगों को बेहद सस्ती दर पर गंभीर बीमारियों से बचाव की सभी दवाएं मिल रही हैं। जन औषधि केंद्र की दवा बाजार दर की अपेक्षा 50 से 90 फीसद सस्ती है। बाजार में उपलब्ध 95 प्रतिशत दवाओं की रेंज भी यहां मौजूद है। संजय की ओर से परागपुर के आसपास के गांवों में दवाओं की फ्री होम डिलीवरी भी शुरू की जा चुकी है।

जन औषधि केंद्र में कई मरीजों को दवाएं मुफ्त में दी गई हैं। मगरू गांव के बुजुर्ग तिलक राज, सलेटी गांव के प्रकाश चंद, पूनणी से रूप लाल, दोदू राजपूतां से लाल चंद और भड़ोली जदीद से रोशनी देवी ने बताया कि परागपुर का प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीब मरीजों के लिए एक का प्रकार उपहार है। उन्होंने कहा कि संजय के कारण उन्हें गंभीर बीमारी वाली जीवन रक्षक दवाएं भी मिल रही हैं।

कैप्टन संजय ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने का का मुख्य उद्देश्य सरकार ने यही रखा है कि समाज के हर वर्ग के लोगों को समय पर उपचार मिल सके। जन औषधि केंद्र में कई ऐसे मरीज भी आए जो सभी दवाएं खरीदने में असमर्थ थे, ऐसे में केंद्र के स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी गरीब व्यक्ति के पास दवाइ खरीदने के पैसे नहीं हैं तो उसे मना न किया जाए और चिकित्सक की पर्ची के अनुसार दवा दी जाए।

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