पहले ही दिन धान की बिक्री किसानों के लिए बनी सिरदर्द

आनलाइन पंजीकरण और स्लाट बुकिग के बावजूद किसानों के लिए धान बेचने की प्रक्रिया सिरदर्द साबित हुई है। शुक्रवार को निर्धारित 25 स्लाट बुकिग का निपटान करने में भी एफसीआइ कर्मियों के हाथ-पांव फूलते हुए नजर आए। इसका खामियाजा टकारला धान खरीद केंद्र पर पहुंचे किसानों को उठाना पड़ा। पूरा दिन चली खरीदारी में एफसीआइ 1960 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 250 क्विंटल धान खरीद पाया। 25 में से 16 स्लाट का ही भुगतान हो सका।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 08:58 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 08:58 PM (IST)
पहले ही दिन धान की बिक्री किसानों के लिए बनी सिरदर्द
पहले ही दिन धान की बिक्री किसानों के लिए बनी सिरदर्द

संवाद सहयोगी, ऊना : आनलाइन पंजीकरण और स्लाट बुकिग के बावजूद किसानों के लिए धान बेचने की प्रक्रिया सिरदर्द साबित हुई है। शुक्रवार को निर्धारित 25 स्लाट बुकिग का निपटान करने में भी एफसीआइ कर्मियों के हाथ-पांव फूलते हुए नजर आए। इसका खामियाजा टकारला धान खरीद केंद्र पर पहुंचे किसानों को उठाना पड़ा। पूरा दिन चली खरीदारी में एफसीआइ 1960 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 250 क्विंटल धान खरीद पाया। 25 में से 16 स्लाट का ही भुगतान हो सका। देर शाम पहले तो अधिकारियों द्वारा यहां दूरदराज से पहुंचे किसानों को दोबारा स्लाट बुक कर फिर से धान बेचने के लिए कहा गया लेकिन कुछ देर बाद अगले दिन यानी शनिवार को बचे करीब नौ स्लाट के किसानों को प्राथमिकता देने का भरोसा दिया गया। उसके बाद मौके पर मौजूद किसानों को गुस्सा ठंडा हुआ।

मौके पर पहुंचे किसानों में दर्शन, अर्जुन, अश्वनी ने बताया कि बचे हुए किसान अलग-अलग क्षेत्रों से अपनी उपज लेकर पहुंचे थे। टकारला में मौजूद एफसीआइ की टीम ने करीब 25 स्लाट को आमंत्रित किया था। देर शाम तक जब 13 स्लाट की धान खरीदी गई तो कर्मियों की टीम ने बचे किसानों को बाद में आने के लिए कह दिया। रोष जाहिर करने पर कर्मियों ने अगले दिन शनिवार को अगला स्लाट शुरू करने से पहले उनके धान की खरीद करने की हामी भरी है। इस पूरी प्रक्रिया में अब किसान या तो रातभर धान की फसल के साथ भूखे पेट टकारला खरीद केंद्र पर रात गुजारें या फिर से गाड़ी में अपने धान को लेकर घर जाएं और सुबह वापस आएं जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

किसानों का कहना है कि अगर स्लाट भुगतान के लिए एफसीआइ के पास स्टाफ की कमी है तो और स्टाफ भी हायर किया जाए या फिर केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। इस प्रकार अव्यवस्था से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी।

टाहलीवाल केंद्र में अभी शुरू नहीं हुई खरीद

एफसीआइ के माध्यम से जिला ऊना के टकारला व टाहलीवाल के पास निजी उद्योग के स्पेस में खरीद केंद्रों को निर्धारित किया गया है। टाहलीवाल स्थित खरीद केंद्र में अभी तक एफसीआइ की अप्रूव्ल करने में देरी हो रही है जिससे नजदीकी क्षेत्रों के किसानों में रोष भी पनप रहा है। किसानों ने इस केंद्र को जल्द शुरू करने की मांग की है। सभी किसानों की धान की फसल खरीदी जाएगी। नया अनुभव है उसमें कुछ दिक्कतें आई हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है।

-विकास काले, एफसीआइ अधिकारी, ऊना। खरीद केंद्रों पर धान बेचने वाले किसान एचपीएपीपीपी.एनआइसी.इन वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण करवाएं। पहले रोज टकारला में फसल बेचने के लिए पहुंचे 16 किसानों की धान की खरीद की गई है। टाहलीवाल केंद्र को जल्द शुरू कर मैन पावर को बढ़ाया जाएगा। फिलहाल स्लाट संख्या को 25 से कम किया जा रहा है।

-राघव शर्मा, उपायुक्त। ये हैं मानक

धान की खरीद के लिए एफसीआइ ने गुणवत्ता मानकों को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। सभी प्रकार की धान की किस्म की फसल पूर्णरूप से सूखी, स्वच्छ, एक समान माप व रंग वाली और किसी भी प्रकार की अप्रिय गंध से रहित होनी चाहिए। फसल में इनआर्गेनिक व आर्गेनिक कणों की अधिकतम एक-एक प्रतिशतता जबकि क्षतिग्रस्त, फीके व अंकुरित अनाज की मात्रा अधिकतम पांच प्रतिशत, अपरिपक्व व सिकुड़ा हुआ अनाज अधिकतम तीन प्रतिशत, निम्न श्रेणी का मिश्रण छह प्रतिशत जबकि नमी अधिकतम 17 प्रतिशत तक ही मान्य होगी।

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